सुपौल। प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में इस वर्ष मुहर्रम का पर्व शांतिपूर्ण, सद्भाव एवं भाईचारे के वातावरण में सम्पन्न हुआ। मुहर्रम के अवसर पर घटहा, मलमलिया, इस्लामपुर, भवानीपुर उत्तर, दरगाहपुर, सूरजापुर, तेकुना, दुअनिया सहित विभिन्न गांवों से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ताजिया निकाल कर बाजार क्षेत्रों का भ्रमण किया। इस दौरान युवकों ने लाठी भांजकर पारंपरिक कला का प्रदर्शन किया, जिससे माहौल श्रद्धा और वीरता से सराबोर हो गया।
इस्लाम धर्म के अनुयायी मो. सादिक ने मुहर्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है और इसे इमाम हुसैन एवं उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम की दसवीं तारीख, जिसे 'यौमे-ए-आशुरा' कहा जाता है, विशेष महत्व रखती है। इसी दिन कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन ने सत्य और न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन की कुर्बानी सब्र, बलिदान और सच्चाई का प्रतीक है, जो आज भी लोगों को प्रेरणा देती है।
पर्व के मद्देनज़र सभी चिन्हित करबलाओं पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। अनुमंडल प्रशासन की ओर से सीओ आशु रंजन एवं थानाध्यक्ष श्री झा लगातार पुलिस बलों के साथ गश्त करते नजर आए। शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से ताजिया जुलूस के दौरान बिजली आपूर्ति को शाम छह बजे तक स्थगित रखा गया।
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