सुपौल। सिमराही स्थित संत मनु बाबा मंदिर में गोस्वामी तुलसीदास जयंती श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और तुलसीदास जी के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देने से हुई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनु फाउंडेशन के ट्रस्टी वैद्य रीतेश मिश्र ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास न केवल महान कवि और लेखक थे, बल्कि सिद्ध संत भी थे। उनकी रचनाएं समाज को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने रामचरितमानस को भक्तों के लिए अमृत समान धरोहर बताया, जिसका अध्ययन आज भी लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है।
डॉ. पी.के. रंजन ने तुलसीदास जी के जीवन की प्रेरणादायक घटनाओं का उल्लेख किया और उनकी अंतिम रचना "विनय पत्रिका" का मनन करने पर बल दिया। वहीं महात्मा अशर्फी मंडल ने तुलसीदास जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर देवनारायण मंडल, बैद्यनाथ पांडेय, योगेंद्र चौधरी, सुरेश ठाकुर, अशर्फी गुप्ता, शिवकुमार साह, रत्नेश मिश्र, त्रिलोक मिश्र, वेणु प्रिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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