Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

राष्ट्रीय लोक अदालत में 1197 वादों का निष्पादन, 4.76 करोड़ रुपये का हुआ समझौता

  • न्यायालय में अंतिम उम्मीद के साथ आते हैं लोग : जिला जज

सुपौल। व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सौजन्य से राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार अनंत सिंह, जिलाधिकारी सह डालसा के उपाध्यक्ष सावन कुमार, पुलिस अधीक्षक आर.एस. शरथ, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राहुल उपाध्याय सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारियों एवं बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

लोक अदालत को लेकर व्यवहार न्यायालय परिसर में हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई थी। वादों के निष्पादन के लिए कुल 12 बेंच गठित किए गए, जिनमें सुपौल व्यवहार न्यायालय में 09 बेंच तथा वीरपुर न्यायालय में 03 बेंच शामिल थे। सभी बेंचों पर न्यायिक पदाधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ही न्यायालय परिसर में मेडिकल टीम की तैनाती तथा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान सुपौल एवं वीरपुर न्यायालय में कुल 1197 वादों का निष्पादन किया गया। इनमें 04 करोड़ 76 लाख 01 हजार 108 रुपये का समझौता हुआ। प्री-लिटीगेशन के तहत 823 वादों का निपटारा करते हुए 03 करोड़ 47 लाख 78 हजार 363 रुपये का समझौता किया गया। वहीं पोस्ट-लिटीगेशन में 374 वादों का निष्पादन हुआ, जिसमें 01 करोड़ 28 लाख 22 हजार 745 रुपये का समझौता हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सिंह ने कहा कि न्यायालय में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति अंतिम उम्मीद के साथ आता है, इसलिए न्यायाधीशों का कर्तव्य है कि वे निष्पक्ष होकर सेवा करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान संभव है, जिससे समाज को बड़ी राहत मिलती है। साथ ही उन्होंने बैंकों से अपील की कि गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के मामलों में उच्च स्तर पर जाकर समझौता करें, ताकि उनका कल्याण सुनिश्चित हो सके।

जिलाधिकारी सावन कुमार ने मैथिली, हिंदी एवं अंग्रेजी में संबोधन करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत और जिला विधिक सेवा प्राधिकार की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी विभागों और कर्मियों को अधिक से अधिक मामलों में समझौता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लोग उम्मीद लेकर न्यायालय आते हैं और लोगों की उम्मीदों को पूरा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

डीएम ने लोगों से अपील की कि वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाकर अपने मुकदमों का निपटारा कर लें, क्योंकि लोक अदालत में एक दिन में मामला समाप्त हो जाता है और इसमें आगे अपील का प्रावधान भी नहीं होता। उन्होंने बैंक कर्मियों से भी आग्रह किया कि पक्षकारों से समन्वय स्थापित कर बैंक से संबंधित मामलों का अधिक से अधिक निष्पादन सुनिश्चित करें, ताकि कोई भी व्यक्ति निराश होकर न लौटे।

राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर व्यवहार न्यायालय परिसर में अलग ही माहौल देखने को मिला। आयोजन स्थल पर बनाए गए विशेष सेल्फी प्वाइंट ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने यहां यादगार तस्वीरें खिंचवाकर कार्यक्रम को स्मरणीय बनाया। इस अवसर पर अधिकारियों ने आम लोगों को लोक अदालत के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि लोक अदालत न्याय दिलाने का सबसे आसान, त्वरित और किफायती माध्यम है। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में लोक अदालत का लाभ उठाने की अपील की।

कार्यक्रम में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश गजनफर हैदर, दिलीप कुमार सिंह, विनय शंकर, सुनील कुमार, गौतम कुमार यादव, अवर न्यायाधीश गुरूदत्त शिरोमणी, सचिव अफजल आलम, बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष नागेंद्र नारायण ठाकुर, सचिव दीप नारायण भारती, न्यायिक दंडाधिकारी भवेश कुमार, चेतन आनंद, प्रोवेशनल मुंसिफ प्रकाश आनंद सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुख्यालय में उपस्थित नहीं रहने के कारण मोबाइल के माध्यम से लोक अदालत की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अधिक से अधिक वादों के निष्पादन की अपील भी की। स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन सचिव अफजल आलम द्वारा किया गया, जबकि कार्यक्रम का संचालन जिला नाजीर सर्वेश कुमार झा ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं