सुपौल। त्रिवेणीगंज प्रखंड के ब्लॉक चौक से चिलौनी पुल तक एनएच-327ई के दोनों किनारों पर फैले अतिक्रमण और अनियंत्रित ई-रिक्शा–टेम्पू पार्किंग पर आखिरकार नगर परिषद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। जैसे ही नप प्रशासन बुलडोजर और पुलिस बल के साथ मुख्य सड़क पर उतरा, पूरे बाजार में हड़कंप मच गया। कई दुकानदार जल्दबाजी में अपना सामान समेटने लगे, जबकि दर्जनों ई-रिक्शा और टेम्पू चालक वाहन लेकर फरार हो गए।
शहर की सड़कें कई महीनों से अतिक्रमण और अवैध पार्किंग की वजह से संकरी हो गई थीं। दुर्गा मंदिर चौक, मेलाग्राउंड रोड, महात्मा गांधी रोड और पुरानी बैंक चौक सहित कई स्थानों पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती थी। सुबह-शाम तो हालात इतने खराब हो जाते थे कि पैदल चलना मुश्किल हो जाता था। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस कर्मियों और मरीजों तक को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही थीं। कई बार एंबुलेंस भी घंटों तक जाम में फंस जाती थी। कार्रवाई के दौरान नप ईओ राज साहिल, पुअनि गजाधर सिंह सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे।
कार्रवाई से पहले नगर परिषद ईओ राज साहिल और थाने की पुलिस टीम ने ब्लॉक चौक से चिलौनी पुल तक दुकानदारों को डोर-टू-डोर जाकर अंतिम चेतावनी दी थी। अधिकतर दुकानदारों ने चेतावनी को गंभीरता से लिया और स्वयं अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। इसके बाद जब बुलडोजर बाजार के मुख्य मार्ग पर पहुँचा, तो अवैध रूप से बढ़ाई गई दुकानें, लकड़ी के तख्ते, शेड, ठेले, बैनर और अनधिकृत पार्किंग एक-एक कर हटाई जाने लगी।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से जहां अतिक्रमणकारियों में खौफ देखा गया, वहीं आम नागरिकों ने खुलकर प्रशासन के कदम का समर्थन किया। लोगों का कहना था कि लंबे समय से जाम की समस्या से राहत पाने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। उन्होंने मांग की कि ऐसे अभियान नियमित रूप से चलाए जाएं ताकि शहर फिर से अव्यवस्थित न हो।
कार्रवाई के दौरान दर्जनों ई-रिक्शा और टेम्पू चालक अपने वाहन लेकर मौके से भाग निकले, जिससे कुछ देर के लिए सड़कें खुली और व्यवस्थित दिखने लगीं। लेकिन जैसे ही बुलडोजर आगे बढ़ा, कुछ ही देर बाद फिर से ई-रिक्शा, टेम्पू और ठेले सड़कों के किनारे अव्यवस्थित तरीके से लगने लगे, जिससे सड़कें दोबारा संकरी होने लगीं।

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