- आंखोंदेखी: सीमावर्ती जिला अररिया के नरपतगंज एमपी चौक स्थित एफसीआई गोदाम से होती है छातापुर प्रखंड को खाद्यान्न की आपूर्ति
- गोदाम के समीप धर्मकांटा से खाद्यान्न मापी कराने के बाद ट्रक चालकों की मिलीभगत से दो-चार बोरियों की होती है हेराफेरी
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का सीएसपी लिखित शटर लगे दुकान में बोरियां होती हैं एकत्रित, वाहनों पर लाद बेच आते हैं कालाबाजारीधर्मकांटा के समीप ऑटो में भरी जा रही पीडीएस के अरवा चावल की बोरियां।
सुपौल। सीमावर्ती अररिया जिला स्थित नरपतगंज के एफसीआई गोदाम से सुपौल के एसएफसी को आपूर्ति किए जा रहे पीडीएस के खाद्यान्न में कालाबाजारियों की बुरी नजर लगी है। जानकारी हो कि नरपतगंज के एफसीआई गोदाम से जिले के छातापुर प्रखंड स्थित एसएफसी को भी खाद्यान्न की आपूर्ति होती है। लेकिन जब मुहाने पर ही चोर बैठा हो तो निगरानी की बातें बेमानी हो जाती है। नरपतगंज के एमपी चौक स्थित एफसीआई गोदाम के पास ही अनाज माफियाओं का नेक्सस सक्रिय है जो ट्रकों पर खाद्यान्न लोड होने के लिए अपनी-अपनी वाहन खड़ी कर प्रतीक्षारत रहते हैं। जैसे ही खाद्यान्न लोड कर गाड़ियां पास के धर्मकांटा से मापी करवा कर फारिग होती है, कालाबाजारी का खेल शुरु हो जाता है। बंगाल के चर्चित कट मनी की तर्ज पर कालाबाजारियों का झुंड सक्रिय हो जाता है और पूर्व से तय रेट के आधार पर प्रत्येक ट्रक से दो-चार बोरियां उतार लेते हैं और अपने-अपने वाहनों पर लोड करना शुरु कर देते हैं। यदि इन कालाबाजारियों के वाहनों को आने में देर हो जाती है तो धर्मकांटा के समीप ही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की सीएसपी लिखित शटर लगे एक दुकान में ट्रकों से उतारे गए अरवा चावल की बोरियों को जमा कर लिया जाता है और खुद का वाहन आने पर लोड कर नरपतगंज बाजार पहुंचा दिया जाता है। यह सारा खेल ट्रक चालकों के मिलीभगत से हो रहा है, जो धर्मकांटा कराने के बाद ट्रक पर लदी शेष बोरियों से खाद्यान्न निकालकर गिनती में घटी बोरियों की भरपाई करते हैं। गाड़ियां किसी भी एसएफसी की हो खेल सारे ट्रकों से होता है और इस तरह पीडीएस के माध्यम से गरीबों को आपूर्ति किये जाने वाले खाद्यान्न की लूटकथा शुरु होकर गरीबों का निवाला छीनने लगती है। इतना ही नहीं डीलर एसएफसी से घटतौल के शिकार होते हैं और उनके गोदाम तक डोर स्टेप डिलेवरी के नाम पर रास्ते से भी अनाज गायब हो जाने की कहानी सरेआम चर्चा में रहती है। यह सिलसिला गरीबों की हकमारी तक पहुंचता है जिन्होंने प्रति यूनिट एक किलो की कटौती को नियती मान लिया है।
नरपतगंज बना है कालाबाजारियों का अड्डा, खाद्यान्न माफियाओं के खरीदे गए अनाज का है बड़ा-बड़ा खरीदार, मेलफांस से हो रहा खेल ट्रक से ऑटो पर लोड किया जा रहा पीडीएस का खाद्यान्न।
एनएच-57 पर पश्चिम दिशा से नरपतगंज बाजार प्रवेश करते ही सड़क की उत्तरी दिशा में कालाबाजारियों का माल खरीदने के लिए बड़े-बड़े कारोबारियों का काउंटर सजा है, जो हर दो दिन पर ट्रक लोड कर मंडियों में खपा रहे हैं। एमपी चौक स्थित एफसीआई गोदाम के समीप धर्मकांटा के बगलगीर कालाबाजारियों द्वारा अनाज खरीदकर इन बड़े-बड़े कारोबारियों के हाथों हर दिन बेची की जाती है। बुधवार को भी यही कुछ नजारा था, सीएसपी लिखित दुकान से बीआर 38पी/ 1200 नंबर के ऑटो पर पीडीएस का अरवा चावल दिनदहाड़े लोड हो रहा था, जिसे कोई रोकने टोकने वाला नहीं था। ऑटो में ठूंस-ठूंस कर अरवा चावल की बोरियां लादी गई और बेरोकटोक नरपतगंज के एक कारोबारी के हवाले कर दिया गया।
समाचार संकलन के दौरान इस संवाददाता को मिली झूठे मुकद्दमें में फंसाने की धमकी, बोले- यहां से चले जाईये वरना जान चली जाएगीएफसीआई गोदाम के समीप धर्मकांटा के बगल से लोड की जा रही बोरियां।
स्थलीय हकीकत को जानने के लिए जब धर्मकांटा के समीप चल रहे कारोबार को कैमरे में कैद करने का प्रयास इस संवाददाता ने किया तो एक स्थानीय व बहुचर्चित नेताजी का नाम लेकर चंद अपराधी टाइप व्यक्ति अपने गुर्गे के साथ समीप आए और कहा कि सब कुछ मैनेज है। यहां से चले जाईये, वरना आप झूठे मुकद्दमें में फंसा दिये जाएंगे और आपकी जान भी जा सकती है। पूछने पर इनमें से दो लोगों ने अपना नाम पिंटू यादव व मो हामीद बताया। कहा कि यहां सबकुछ साहेब के आदेश से हो रहा है। यह एमपी चौक है और यहां किसी मीडियाकर्मी को रुकने के लिए इजाजत लेनी पड़ती है। हालांकि धमकी को नजरअंदाज कर समाचार संकलन में खलल डालने के बावजूद इस संवाददाता ने भय के साये को झटककर अपना कार्य पूर्ण किया। बावजूद कालाबाजारियों का समूह धमकी देने से बाज नहीं आया। कहीं से मोबाईल नंबर पता कर संवाददाता के मोबाईल संख्या-9661325925 पर 7250008768 मोबाईल नंबर से कॉल कर कालाबाजारियों ने झूठे मुकद्दमें में फंसाने की बारंबार धमकी दी। संपूर्ण घटनाक्रम को ले जब छातापुर एजीएम सुनील कुमार से पक्ष जानने के लिए 7764072242 पर कॉल किया गया तो मोबाईल संपर्क नहीं हो पाया।
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