- बीते 26 सितंबर को सर्पदंश की शिकार महिला की हुई थी मौत, परिजनों ने ड्युटी पर तैनात डॉक्टर के साथ की थी मारपीट
- घटना को 12 दिन बीतने के बाद भी अब तक मात्र एक आरोपी तक पहुंच पाई पुलिस
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| फुटेज में दाहिनी तरफ डाक्टर को पीट रहे लोग। |
सुपौल । जिले के प्रतापगंज पीएचसी में डॉक्टर गजेंन्द्र कुमार के साथ मारपीट के मामले को लेकर स्वास्थ्यकमिर्यों सहित चिकित्सकों के तेवर तल्ख हैं। नतीजा है कि आम मरीजों को पूर्ण रुपेण स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है। घटना के बाद से स्वाथ्य केंद्र की ओपीडी सेवा बाधित है, वहीं आपातकालीन सेवा पर भी दो दिनों से प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
चिकित्सकों के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से उन्हें कर्तव्य निर्वहन से डर लगता है। पीएचसी में तैनात चिकित्सकों की मानें तो आए दिन पीएचसी में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार होता है, बावजूद स्थायी समाधान की दिशा में ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे। नतीजतन पदस्थापित चिकित्सकों ने निर्णय लिया कि ओपीडी सहित आपातकालीन सेवा बाधित रहेगी। यही कारण रहा कि शुक्रवार को भी ओपीडी व इमरजेंसी सेवा बाधित रही है। बीते 26 सितंबर को डॉ गजेंद्र कुमार के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर चिकित्सकों ने सीएस से मिलकर उचित कार्रवाई व आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।
वहीं सीएस द्वारा प्रतापगंज पीएचसी के चिकित्सकों को सेवा बहाली के निमित्त समझाने का प्रयास भी किया गया है। इधर, प्रतापगंज थानाध्यक्ष प्रभाकर कुमार की मानें तो घटना के एक आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और शेष की गिरफ्तारी हेतु पुलिस प्रयासरत है। यहां यह बता दें की बीते 26 सितंबर को संध्याकाल कलिकापुर निवासी सर्पदंश की शिकार एक महिला को प्रतापगंज पीएचसी में भर्ती कराया गया था। जिसकी हालत नाजुक देख उसे बेहतर उपचार हेतु रेफर किया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। रेफर किये जाने व मौत से आक्रोशित परिजनों सहित चंद असामाजिक तत्वों ने ड्युटी पर मौजूद डॉ गजेंद्र कुमार के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था।
मामले को लेकर पीड़ित चिकित्सक द्वारा प्रतापगंज थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी। हैरानी की बात है कि पीएचसी में सीसीटीवी कैमरा लगे होने के बावजूद व फुटेज में घटना की तस्वीरें कैद होने के उपरांत भी पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में असफल साबित हो रही है और उपचार को लेकर इसका खामियाजा आमलोगों को उठाना पड़ रहा है

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