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अररिया जिला प्रशासन के हनक के बाद धर्मकांटा के समीप कालाबाजारी के धंधे पर लगा विराम, अब अनाज लदकर पहुंच रहे नरपतगंज बाजार

  • प्रशासनिक नकेल के बाद धंधेबाजो ने कर लिया स्थल परिवर्तन, आसपास के कालाबाजारियों से अनाज खरीद रहे नरपतगंज के बड़े कारोबारी
  • एफसीआई गोदाम के समीप खाद्यान्न चोरी का सिलसिला परवान पर, गरीबों के झोले से कटौती का पैमाना चढ़ा



सुपौल । पीडीएस के खाद्यान्न की कालाबाजारी को लेकर चाहे जितने भी प्रशासनिक जतन किये जा रहे हों, लेकिन कालाबाजारियों की सेटिंग के आगे सारी कवायद दम तोड़ रही है। इन दिनों सीमावर्ती जिला अररिया के नरपतगंगज एफसीआई गोदाम से जिले के अधिकांश एसएफसी गोदाम को पीडीएस के खाद्यान्न की आपूर्ति हो रही है। विक्रेताओं की शिकायत है कि गोदाम से खाद्यान्न लोड कर जब अनाज लदा ट्रक धर्मकांटा से मापी करवाकर निकलता है तो आस पास के क्षेत्रों में ही चालकों द्वारा बोरी से अनाज की चोरी कर बेच दी जाती है। जिस कारण एसएफसी गोदाम से खाद्दान्न के उठाव के समय उन्हें घटतौल का शिकार होना पड़ता है। शिकायत की पुष्टि के लिए जब एफसीआई नरपतगंज के समीप के क्षेत्र का जायजा लिया गया तो विक्रेताओं की शिकायत पर मुहर लगी। मामला अररिया जिला प्रशासन के संज्ञान में जाने के बाद अधिकारियों की टीम ने स्थलीय जायजा लिया और एमपी चौक के नीलम धर्मकांटा के समीप दुकानों के शटर के भीतर खाद्यान्न के अवशेष पाए गए। 

 प्रशासनिक नकेल के बाद बीते एक सप्ताह से कालाबाजारी के धंधे में संलिप्त बड़े कारोबारियों ने अब स्थल में परिवर्तन कर लिया है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में चालकों से कटिंग किए गए खाद्यान्न की खरीद एनएच पर ही कर ली जाती है जिसे नरपतगंज बाजार पहुंचा दिया जाता है। जानकारों की मानें तो कालाबाजारी के खाद्यान्न के बड़े कारोबारियों का अड्डा नरपतगंज बाजार है, जहां गोदाम में माल स्टॉक कर ट्रकों से बाहरी क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। 

बीघे भर में बन रहा कालाबाजारी के खाद्यान्न का स्टॉक प्वाईंट, रसूख के दम पर परवान चढ़ रहा गोरखधंधा 

जानकारों की मानें तो गरीबों का निवाला छीनकर औने पौने कीमतों में  खरीदे गए खाद्यान्न की जमाखोरी के लिए एफसीआई गोदाम से कुछ ही दूरी पर एनएच-57 के समीप बीघे भर में गोदाम का निर्माण हो रहा है। हालांकि उक्त निर्माणकर्ता का नरपतगंज बाजार में कालाबाजारी के खाद्यान्न का अभी भी स्टॉक प्वाईंट है, जहां से ट्रकों में भरकर पीडीएस का अनाज बाहर भेजने का सिलसिला महीनों से चल रहा है। कालाबाजारी के धंधे में अच्छी खासी कमाई देखकर उक्त कारोबारी ने उत्साह से लबरेज हो अब बड़े गोदाम का पक्का निर्माण करना शुरु कर दिया है जिसमें करोड़ की राशि खपाई जा चुकी है। बताया जा रहा है कि रसूख के दम पर इस गोरखधंधे को परवान चढ़ाया जा रहा है, जिसमें सेटिंग का बड़ा खेल है। वैसे तो नरपतगंज बाजार में पीडीएस के खाद्यान्न के खरीदार आधा दर्जन से अधिक हैं, लेकिन इनमें से दो बड़े कारोबारी बताए जा रहे हैं, जिनका लाखों में हर दिन का धंधा है। जानकारों की मानें तो धर्मकांटा से मापी करवाकर निकलते ही ट्रक चालक दो-चार बोरी खाद्यान्न कांटा मारकर निकाल लेते हैं जिसको अलग-अलग बोरी में भरकर आस पास खड़े किये गए इन बड़े कारोबारी के एजेंट के हाथों बेच देते हैं जो पूर्व से लगाकर रखे गए पिकअप अथवा टेंपो पर लदकर कारोबारी की गोदाम तक पहुंच जाता है। इसके अलावा 15-20 किमी की परिधि में अन्य कारोबारियों द्वारा खरीदे गए पीडीएस के खाद्यान्न का क्रय भी इन्हीं बड़े कारोबारियों द्वारा किये जाने की बातें चर्चा में है। बावजूद स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई को लेकर शिथिलता कुछ और ईशारा कर रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो बीते दिनों अररिया जिला प्रशासन की हनक के बाद धर्मकांटा के समीप हो रहे कालाबाजारी के अवैध धंधे पर भरसक लगाम तो लगी है पर कारोबार पर पूर्णतया विराम अभी भी नहीं लग पाया है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले धर्मकांटा के समीप शटर से कारोबार परवान चढ़ रहा था और अब समीप के स्थलों से अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब एफसीआई के मुहाने पर ही खाद्यान्न चोरी का अवैध धंधा परवान चढ़ रहा हो तो गरीबों के झोले तक पहुंचते-पहुंचते कटौती का पैमाना किस स्तर तक पहुंच रहा है।  


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