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खानापूर्ति के लिए खेलकूद में शामिल किया गया छोटे बच्चों को |
शशांक राज / सुपौल
अनियमितताओं की रही चर्चा
कार्यक्रम के दौरान आयोजक द्वारा विभिन्न प्रकार की अनियमितता बरती गई। विद्यालय के प्रधानाचार्य विश्वविजय कुमार ने बताया कि उन्हे खेलकूद के कार्यक्रम की सूचना अभी मिली है जबकि कार्यक्रम शुरू होने वाला है। विगत वर्षों में सूचना कुछ दिन पूर्व ही दी जाती थी। खेलकूद के दौरान प्रतिभागियों की संख्या नगण्य थी। और सबसे आश्चर्यजनक मामला तो यह था कि कोई भी प्रतिभागी किसी भी क्लब (युवा मण्डल) से नहीं था। युवा मण्डल के सदस्यों ने बताया कि उन्हे कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं थी।
इंजीनियरिंग कॉलेज से इम्पोर्ट किये गए खिलाड़ी
प्राप्त जानकारी के अनुसार युवा मण्डल के प्रतिभागियों को सूचना दिए बिना कार्यक्रम में खानापूर्ति के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज से बच्चों को मँगवा लिया गया था जहां अधिकांश बच्चे दूसरे जिलों से थे। यहाँ तक कि गाँव के युवाओं को भी इस कार्यक्रम की सूचना नहीं थी। इस प्रकार की कार्यप्रणाली से गाँवों की प्रतिभा धूमिल होती जा रही है। युवा मण्डल के सदस्यों का आरोप था कि कॉलम को पूरा करने के लिए 12 - 13 वर्ष के बच्चों का भी सहारा लिया गया।
खेलकूद के गाईडलाइन के संबंध में जब प्रशिक्षक रघुवंश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के बारे में युवा अधिकारी ही विशेष जानकारी देंगे। वहीं कार्यक्रम को लेकर युवा अधिकारी श्री शुभम ने बताया कि प्रखंड स्तरीय कार्यक्रम दो दिनों का है लेकिन परीक्षा के कारण इसे एक दिन में अर्थात आज ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
अब सवाल यह है कि जब परीक्षा की तिथि बिहार बोर्ड द्वारा काफी पहले से तय थी तो इस बीच आनन फानन में एक दिन का कार्यक्रम करवाने की क्या जरूरत थी।
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