निरीक्षण के क्रम में व्याख्यातों से बातचीत कर उन्हें ट्रेनिंग से मिली जानकारी को व्यवाहरिक रूप से विद्यालयों में उतारने की सलाह दी। प्रशिक्षण ले रहे प्रधानाध्यापक को अपने विद्यालय में शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति कराने का निर्देश दिया। कहा कि यदि कोई बच्चा तीन दिन तक विद्यालय नहीं आता है तो उनके अभिभावक को बुला कर उन्हें पहले समझाये कि बच्चों को स्कूल भेजे। यदि फिर भी बच्चा नहीं आता है तो उनका नाम काट दें।
उन्होंने कहा कि पहले आपलोग भी विद्यालय समय से नहीं पहुंचते थे, लेकिन अब आपलोगों में भी सुधार हुआ, यह खुशी की बात है। कहा कि स्कूल में पढ़ाई-लिखाई व्यवस्था को सुदृढ़ कीजिए, यह पहला दायित्व है। प्रशिक्षण ले प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं के बारे मे पूछा तो सभी से अच्छी होने की बात कही। प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षकों के जिस भी रूम में अपर मुख्य सचिव पहुंचते, उसके बात सुनने के बाद शिक्षकों के द्वारा सैल्फी लेने का भी होर लगा रहा। इस दौरान जिला अधिकारी कौशल कुमार, डीईओ सहित कई अन्य पधाधिकारी मौजूद थे।

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