Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

छातापुर : विजयादशमी की देर रात दबंगों ने महादलित परिवार पर बरपाया कहर, पीड़ित ने एसपी से मिल लगाई न्याय की गुहार

• छातापुर थाना क्षेत्र के डहरिया वार्ड नंबर 13 का मामला, पीड़ित परिवारों ने एससी-एसटी थाना व एसपी को दिया आवेदन

सुपौल। विजयादशमी की देर रात जहां प्रखंडवासी जगह-जगह मां दुर्गा की विदाई को लेकर प्रतिमा विसर्जन में लगे थे। वहीं छातापुर थाना क्षेत्र के डहरिया वार्ड नंबर 13 में छह दशक से निवास कर रहे महादलित परिवार पर दबंगों का कहर टूट रहा था। मामला प्रकाश में आने के बाद दौरा-कोनिया बनाकर बमुश्किल जीवन यापन करने वाला महादलित परिवार शुक्रवार को सुपौल पहुंचा और एससी-एसटी थाना सहित एसपी कार्यालय में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। दिए आवेदन में रंजन देवी ने बताया है कि किस तरह दबंगों ने उनके परिवार पर कहर बरपाया। आवेदन के अनुसार घटना 24 अक्टूबर की रात की बताई गई है। आवेदन में पूर्व मुखिया पंकज कुमार यादव सहित पांच लोगों को नामजद व 10 को अज्ञात आरोपी बनाया गया है। संपूर्ण मामले पर गौर करें तो महादलित परिवारों से स्थल मुक्त कराने की साज़िश महीनों से चल रही थी और तीन माह पूर्व से उनलोगों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया जा रहा था। बावजूद स्थानीय पुलिस कार्रवाई को ले आगे नहीं आ पाई। बताया जा रहा है कि इस दौरान दबंग नामजद की थाने में बैठकी भी लगती रही। दिए आवेदन में गणेश मरीक की पत्नी रंजन देवी ने बताया है कि हथियार से लैस पूर्व मुखिया पंकज यादव, देवेन्द्र यादव उर्फ़ दीपेन यादव, गोविंद आर्या, राम नारायण यादव एवं संजीव यादव 24 अक्टूबर की आधी रात को आए और जाति सूचक गाली देते हुए घर को उजाड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान पीड़ित परिवार के सदस्यों ने रोका तो उनके साथ लोहे के रड से मारपीट की गई। बताया है कि घर की महिलाओं को भी बख्शा नहीं गया और उनके साथ भी गंभीर रूप से मारपीट की गई। बकौल आवेदक उक्त लोगों ने उनके आठ घर उजाड़ दिए और महिलाओं के साथ भी अभद्रता की है। आवेदक के अनुसार घर में रखा अनाज भी बर्बाद कर दिया और उजड़े घर का टीना भी लेकर चले गए। इस दौरान साथ गए अज्ञात लोगों पर फायरिंग का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनलोगों ने जान से मारने की धमकी देते हुए भाग जाने को कहा। आवेदिका के अनुसार उनलोगों ने भागकर अपने-अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लिया और उपचार कराया। कहा है कि भयभीत होने के कारण वह विलंब से आवेदन देने पहुंच पाई है। आवेदन में उनलोगों के साथ तीन माह पूर्व भी भगाने के लिए मारपीट का जिक्र किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं