- भारतीय जनजीवन के प्रेरणास्रोत है-दीना भदरी
सुपौल। सदर प्रखंड अंतर्गत हरदी पुरब पंचायत के वार्ड नंबर 02 एवं हरदी पश्चिम पंचायत के वार्ड नंबर 07 के मध्य में स्थित दीना भदरी मंदिर परिसर में शुक्रवार को भगवान दीना भदरी के विचारों को जन-जन में पहुँचाने के उद्देश्य से दीना भदरी महोत्सव 2024 के सफल आयोजन को लेकर शनिवार को सामाजिक बैठक आयोजित की गई। शिवेन्द्र सादा के अध्यक्षता में आयोजित सामाजिक बैठक को सम्बोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि ईश्वरीय शक्ति, जन कल्याणकारी कार्य व समाज सेवा के कारण दीना भदरी अपने जीवन काल में ही लोकदेवता के रूप में पूजनीय हो गए। इनके सम्मान व विचारों के प्रचार-प्रसार हेतु हरदी-आजान में 22 से 24 मई 2024 तक दीना भदरी महोत्सव 2024 का आयोजन किया जाएगा। दीना भदरी के जीवन काल पर आधारित अलिखित लोकगाथाएँ आम जीवन और बहुसंख्यक लोगों का जीवंत दस्तावेज है। जिसमें रीति-रिवाज, रहन-सहन, विचार-व्यवहार व भारतीय संस्कृति परिलक्षित होते हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि दीना और भदरी दोनों सहोदर भाई थे। जो काफी कर्मयोगी, यशस्वी व अद्भुत बलशाली थे। अपने क्रियाकलाप के माध्यम से पीड़ित गरीब, शोषित, वंचित समाज की रक्षा करने के कारण जननायक के रूप में प्रसिद्धि हासिल कर समाज के बीच पूजनीय हैं। दीना भदरी का जन्मस्थल नेपाल राष्ट्र अंतर्गत राजबिराज जिला के योगियानगर गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम कैल सरदार और माता का नाम निरसू देवी था। बचपन से दोनों भाई अद्भुत बलशाली, जुझारू तथा श्रमिक नायक के रूप में लोक प्रसिद्ध होने लगे थे। दीना भदरी सामंतवाद, पूंजीवाद, जमींदार, पाखंडवाद और आडम्बर के खिलाफ थे। वे अपनी पैतृक खेती अपने हाथों से करते थे। दर्जनों जमींदार के खिलाफ उन्होंने मुस्तैदी से लड़ाई लड़ने का कार्य किया है। दोनों भाई दिव्य अवतारी थे। वे भारतीय जनजीवन के प्रेरणा स्रोत है। बैठक में कलानंद सादा, शंभू यादव, बिरेन्द्र सादा, फूलो सादा, रामदेव सादा, मुकेश कुमार, लक्ष्मण मालाकार, फुलचन सादा, महेन्द्र सादा, मोहन सादा, सुरेश सादा, चंदेश्वरी सादा, पवन सादा, किशुन सादा, अरविंद सादा, जीतन मंडल, झोटन सादा, सियाराम सादा, बेचन सादा, दिनेश सादा, सैनी सादा, बालकृष्ण सादा, अर्जुन सादा, पुलकित सादा, गोविन्द सादा आदि मौजूद थे।

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