सुपौल। पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर मौजहा पंचायत के वार्ड नंबर 01, 02 और 04 में एक सप्ताह से जारी कटाव के कारण नदी की तेज धारा में 10 एकड़ उपजाऊ जमीन में लगे फसल, बांस, पेड़ सहित 11 घर कटकर नदी में समा चुका है। इसके अलावा लगभग 35 परिवारों के 60 घर कटाव की जद में है। कटाव को देखते हुए नदी किनारे बसे बड़ी संख्या में लोग अपना घर को उठाकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सुजानपुर गांव के वार्ड नंबर 02 में कोसी नदी किनारे 400 मीटर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य होने के बावजूद भी गांव के लगभग हजारों की आबादी पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है। जिससे लोग सहमे हुए हैं। जानकारी अनुसार सुजानपुर गांव में इस वर्ष जल संसाधन विभाग द्वारा 400 मीटर में 26 लाख की लागत से बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य कराया गया था। लेकिन जल संसाधन विभाग द्वारा कराया गया कटाव निरोधी कार्य ताश के पत्ते की तरह ढ़हने लगा है। कटाव निरोधी कार्य कटाव को रोकने में विफल साबित हो रहा है। ग्रामीण रामलोचन यादव, प्रदीप साह, दशरथ यादव, प्रमोद साह, राम बहादुर यादव, अरविंद मंडल, सुरेंद्र यादव आदि ने कहा कि एक सप्ताह पहले कोसी नदी में पानी आने के बाद जिओ बैग पूरा डूब गया। जिस कारण पानी फैलने के बाद लोगों के खेतों में लगे फसल बर्बाद होने के साथ ही लोगों के घर के आगे-पीछे पानी भर गया।
हर साल बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य में करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद भी बाढ़ के तांडव से लोगों को छुटकारा नहीं मिलता है। वार्ड नंबर 04 और पांच के लोगों का घर कट कर नदी में समा रहा है। पीड़ित नसीब लाल यादव, दीपेन यादव, पवन यादव, महेश यादव, ललित मुखिया आदि ने बताया कि उनलोगों का एक-एक घर नदी के बहाव में कट गया। जिस कारण वे लोग बच्चे व अन्य घरों को उठाकर ऊंचे स्थल पर ले गए हैं। कहा कि धीरे-धीरे काटव की दायरा बढ़ाता जा रहा है। जिससे लोगों में दहशत का माहौल कायम है। पंचायत के मुखिया अमर कुमार चौधरी ने बताया कि वार्ड एक कटाव के जद में बालेश्वर चौधरी, बुच्चों चौधरी, रामचंद्र चौधरी, पवन मंडल, सुरेश मंडल, मसोमात बूचिया देवी, संझा देवी समेत करीब 30 परिवारों का घर कभी भी कट कर नदी में समा सकता है। उन्होंने सभी लोगों को घर उठाकर ऊंचे स्थल पर ले जाने के लिए कही है। किशनपुर सीओ सुशीला कुमारी ने बताया कि जितने परिवारों के घर कटे हैं, सभी पीड़ितों परिवार को तत्काल पॉलिथीन उपलब्ध कराया गया है। इसके बाद सरकारी लाभ के लिए आगे की प्रक्रिया की जा रही है।
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