- छातापुर प्रखंड मुख्यालय का मामला, नवजात के दफनाए शव को निकाल बेजार रोए दादा
सुपौल। जिले के छातापुर प्रखंड में अवैध निजी नर्सिंग होम का धंधा आम मरीजों के बीच मौत की सौगात बांट रहा है। इस दौरान कार्रवाई के लिए जिम्मेदार बनाया गया सीएचसी प्रबंधन की चुप्पी इस गोरखधंधे में विभागीय मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। मामले में सीडब्ल्यूजेसी के हवाले से कई दौर के पत्राचार का नतीजा नहीं निकलने पर सिमराही निवासी एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में तत्संबंधी शिकायत भी दर्ज करवाई गई और इसके हवाले से एक बार फिर विभाग ने पत्राचार कर गैर पंजीकृत निजी अस्पताल के संचालकों को नोटिस भेज वैधता प्रमाणित करने को कहा या फिर 24 घंटे के भीतर बंद करने का निर्देश भी दिया था। ऐसा नहीं करने पर विधि सम्मत कार्रवाई करने की ताकीद भी की गई। बावजूद नतीजा ढाक के तीन पात साबित हो रहा है।
हैरानी इस बात कि है कि तामिला कराए गए नोटिस में सीमांचल हेल्थकेयर का नाम भी शामिल है जहां शनिवार को लक्ष्मीपुर खूंटी की रहने वाली प्रसूता मंजू देवी के नवजात की मौत हुई है। नोटिस तामिला के बाद भी उक्त निजी अस्पताल संचालक के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई और धड़ल्ले से अस्पताल का संचालन होता रहा। यदि समय रहते उक्त अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई हो जाती तो शनिवार को एक और जान बचाई जा सकती थी। लेकिन विडंबना देखिए कि नवजात की मौत के बाद तीन घंटे तक परिजन निजी अस्पताल में हंगामा करते रहे बावजूद किसी ने झांकने तक की जहमत नहीं उठाई।
बताया जा रहा है कि आशा कार्यकर्ता के जरिए उक्त निजी नर्सिंग होम तक पहुंचाई गई प्रसूता का सीजिरियन हुआ और नवजात ने दो घंटे में दम तोड़ दिया। सेटिंग इतनी तगड़ी थी कि मौत के बाद नवजात को दफना भी दिया गया। लेकिन जब राघोपुर प्रखंड के देवानगंज से ससुराल पक्ष के परिजन उक्त अवैध नर्सिंग होम में पहुंचे तो दृश्य हंगामी हो गया। हंगामा इतना बढ़ा कि प्रसूता के सास ससुर ने नर्सिंग होम संचालिका पर नवजात को गायब करने तक का आरोप लगाया। इसके बाद ससुराल पक्ष के परिजनों को दफनाए गए स्थल पर ले जाया गया जहां नवजात के शव को निकालकर दिखाने के बाद नवजात के दादा फफक-फफक कर रोने लगे। बेजार रोते दादा बस एक ही रट लगाए हुए थे कि सबने मिलकर उनके पोते को मौत के घाट उतार दिया और चुपके से जाकर दफना भी दिया। इतने में संचालिका के चंद पैरोकार पहुंच गए और मामले को कंपनसेशन के आधार पर तय किया गया। विडंबना यह भी कि तीन घंटे तक हो हल्ला मचते रहने के बाद भी एक भी जिम्मेदार सीमांचल हेल्थकेयर तक नहीं पहुंचे।
इधर, मामले में पूछने पर सीएचसी प्रभारी डॉ नवीन कुमार ने बताया कि यदि पत्राचार के बाद सीमांचल निजी नर्सिंग होम बंद नहीं हुआ है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कहा कि प्रकाशित खबर के जरिए मामला संज्ञान में आया है खबर के आलोक में पत्राचार भी किया जाएगा।
वहीं सिविल सर्जन डॉ एल के ठाकुर ने बताया कि कार्रवाई के लिए प्रखंड स्तर पर धावा दल गठित है, जिसमें सीओ, थानाध्यक्ष एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को छापेमारी की जवाबदेही दी गई है। समयानुसार मैं भी छापेमारी कर कार्रवाई करता रहा हूं। शीघ्र ही प्रशासन से समन्वय स्थापित कर अवैध निजी अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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