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बसंतपुर : सऊदी अरब में मजदूर की मौत के बाद दो माह बाद घर पहुंचा शव, पीड़ित परिजनों ने की मुआवजे की मांग



सुपौल। बसंतपुर पंचायत के रघुनाथपुर वार्ड नंबर 04 निवासी 47 वर्षीय लाल बहादुर साह का शव सऊदी अरब से दो माह बाद उसके घर पहुंचते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गयी। परिजन शव को बसंतपुर पंचायत के रघुनाथपुर वार्ड नंबर 04 निवासी मुक्ति साह का पुत्र डोमन साह के दरवाजे पर रख कर हंगामा किया और मुआवजे की मांग करने लगे। स्थानीय निवासी कैलू राम ने बताया कि डोमन साह के चक्कर में आकर मजदूरी करने के नाम पर सऊदी अरब चले गये थे। लेकिन लाल बहादुर साह को क्या मालूम कि डोमन साह तीन महीने का टूरिस्ट वीजा बनवाकर भेज दिया है। बहरहाल सऊदी अरब में लाल बहादुर साह को भेड़ बकरी चराने का काम तो मिल गया। लेकिन लाल बहादुर साह पूरी तरह से अनपढ़ था, उन्‍हें सऊदी अरब का भाषा समझ में नहीं आता था। मालिक इनके साथ काम करवाने को लेकर हमेशा मारपीट किया करता था। जिससे लाल बहादुर साह की मृत्यु सऊदी में हो गई।
  मरने से कुछ दिन पहले लाल बहादुर साह भेड़-बकरी चराते हुए सऊदी अरब के रेगिस्तान से एक वीडियो बनकर सोशल मीडिया पर 27 मार्च 2024 को डाल दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि कोई भी भारतीय जिन्हें यहां का भाषा नहीं आता हो, वह इस जगह पर नहीं आएं। यहां पर यहां के मालिक द्वारा मजदूरों के साथ-साथ मारपीट की जाती है। जब परिजनों से कोई बातचीत नहीं हुआ तो सऊदी भेजने वाले डोमन साह पर परिजन दबाव बनाया तो पता चला कि लाल बहादुर साह की मौत हो गई है। मृतक की पत्नी सकुनी देवी ने कहा कि उसके पति को तीन साल का वीजा नहीं बनवाकर टूरिस्ट वीजा पर डोमन साह सऊदी अरब भेज दिया। अगर यह गलती नहीं होती तो उसके पति की मौत नहीं होती। सऊदी अरब भेजने को लेकर 20 जुलाई 2022 को जीविका समूह और लोगों से कर्ज लेकर अपने पति को मजदूरी करने सऊदी अरब भेजे थे। ताकि 07 बेटियों की शादी-विवाह हो सके और परिवार अच्छे से चल सके। बताया कि हमलोग मांग करते हैं कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक अपने पति का शव डोमन साह के दरवाजे से नहीं ले जायेगें। शव को सऊदी अरब से लाने को लेकर परिजनों ने अनुमंडल से लेकर जिला पदाधिकारी और प्रधानमंत्री से गुहार लगायी थी। 02 महीने बाद मृतक लाल बहादुर साह का शव सऊदी अरब के प्रशासन के द्वारा गुरुवार को भेज दिया गया। शव गुरुवार की रात 10 बजे मृतक के घर पहुंची। मृतक लाल बहादुर साह को 15 वर्षीय पुत्री गुंजन कुमारी, 13 वर्षीय रंजन कुमारी, 12 वर्षीय रूबी कुमारी, 10 वर्षीय अर्चन कुमारी, 08 वर्षीय वंदना कुमारी, 06 वर्षीय आशा कुमारी, 04 वर्षीय कृष्णा कुमार, कुल 07 पुत्री और एक पुत्र है। उसके पास रहने के लिए अपना जमीन भी नहीं है। ऐसी स्थिति में मृतक के परिजनों के ऊपर आर्थिक संकट के बादल छा गया है।

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