सुपौल। प्रतापगंज प्रखंड के भवानीपुर दक्षिण पंचायत के सुरियारी स्थित संतमत सत्संग मंदिर में रविवार को 20वीं सदी के महान संत, सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भव्य शोभायात्रा, सत्संग, आरती एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। शोभायात्रा में बैण्ड पार्टी, वाहन सजी झांकियों के साथ गुरु महाराज की भव्य तस्वीर को रथ पर सजाकर पूरे प्रखंड मुख्यालय की सड़कों पर भ्रमण कराया गया। श्रद्धालु नारे लगा रहे थे— “संतमत का अमर संदेश, घर-घर फैले देश-विदेश”, “जब तक सूरज चांद रहेगा, गुरु महाराज तेरा नाम रहेगा”—जिनसे वातावरण गुंजायमान हो उठा।
प्रभात फेरी के पश्चात सत्संग मंदिर में स्तुति, विनती, ग्रंथ पाठ एवं आरती का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने महर्षि मेंही जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। दोपहर 11 बजे से मां काली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर गुड्डू पूर्वे (पिता वीरेंद्र पूर्वे) द्वारा भव्य भंडारा कराया गया, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
अपराह्न काल में कीर्तन, स्तुति और ग्रंथ पाठ हुआ। इस दौरान ननकिशोर बाबा और विधानन बाबा ने महर्षि मेंही जी की जीवनी और साधना पर विस्तार से प्रकाश डाला। बताया गया कि महर्षि जी का जन्म वैशाख शुक्ल चतुर्दशी (18 अप्रैल 1885) को हुआ था। उनकी माताजी जनकवती देवी और पिताजी बहुजन बाबू थे। बचपन से ही आध्यात्मिक झुकाव रखने वाले महर्षि जी ने भागलपुर के कुप्पाघाट में वर्षों तक साधना कर आत्मज्ञान प्राप्त किया।
इस अवसर पर जगदीश नायक, विजेंद्र लाल दास, बीरेंद्र पंजियार, नवीन कुमार पूर्वे सहित कई वक्ताओं ने भी गुरुजी के जीवन और सिद्धांतों पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में वीरेंद्र पंजियार, जगदीश नायक, बेचू पासवान, तारकेश्वर उर्फ पवन प्रधान, पिंकू पूर्वे, चिंटू पूर्वे, अनिल साह (टीपू), राजू नायक, गुड्डू पूर्वे, डोमी पूर्वे, सत्यनारायण महतो, विष्णु देव साह, अरविंद महतो, प्रदीप पादुका, संतोष पूर्वे, महेंद्र मेहता, युगेश पूर्वे, रमेश नायक, मंजू देवी, माधुरी देवी, नीतू कुमारी सहित अनेक लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कोई टिप्पणी नहीं