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शराबबंदी उल्लंघन मामले में दो अभियुक्तों को 5-5 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा, 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया



सुपौल। बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामले में उत्पाद न्यायालय संख्या-01 के अनन्य विशेष न्यायाधीश अभिषेक कुमार मिश्र की अदालत ने शनिवार को दो आरोपियों को कड़ी सजा सुनाई। अदालत ने किशनपुर थाना क्षेत्र के करहिया गांव निवासी उपेन्द्र कुमार सिंह और रमन कुमार सिंह को पांच-पांच वर्ष की सश्रम कारावास और एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भी भुगतना होगा।

यह मामला किशनपुर थाना कांड संख्या-233/2017 से जुड़ा है। 27 अगस्त 2017 की रात पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि किशनपुर बाजार में दो युवक शराब की खेप लेकर जा रहे हैं। पुलिस अवर निरीक्षक सियाराम शर्मा सशस्त्र बल के साथ गश्ती पर थे। रात करीब 8:30 बजे पुलिस ने एक बाइक पर सवार दो युवकों को संदिग्ध स्थिति में देखकर रोका और तलाशी ली। तलाशी के दौरान रमन कुमार सिंह के बैग से "मामाश्री" ब्रांड की नेपाली देशी शराब की 40 बोतलें (प्रत्येक 300 एमएल) बरामद की गईं। दोनों को मौके पर ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक धर्मेन्द्र कामत ने मजबूत बहस की और सात गवाहों की गवाही कोर्ट में करवाई, जिन्होंने घटना की पुष्टि की। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ओम नारायण यादव ने बहस में भाग लिया।

इस केस की त्वरित सुनवाई और निष्पक्ष जांच पुलिस अधीक्षक शैशव यादव के कुशल पर्यवेक्षण में पूरी की गई। अदालत के इस फैसले से शराबबंदी कानून को लेकर प्रशासन की गंभीरता का संकेत मिला है।

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