सुपौल। जिले के सभी 11 अंचलों में पदस्थापित कुल 60 राजस्व कर्मचारियों को शनिवार को जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ये सभी कर्मचारी 7 मई से बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ के आह्वान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए थे।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी मार्च माह में कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 11 दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया था। लेकिन इस बार प्रशासन के बार-बार वार्ता के लिए आमंत्रण के बावजूद कोई भी कर्मचारी बैठक में शामिल नहीं हुआ।
जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार पटना के निर्देशानुसार 10 मई को पूर्वाह्न 11 बजे समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में वार्ता के लिए सभी अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन सामूहिक अवकाश पर गए कोई भी कर्मचारी वहां उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद उन्हें अंतिम चेतावनी देते हुए अपराह्न 5 बजे तक जिला स्थापना शाखा में उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया गया, परंतु इसका भी पालन नहीं किया गया।
जिला प्रशासन ने बताया कि देश की वर्तमान संवेदनशील परिस्थितियों, सरकार के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों में बाधा, उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना और अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए, बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत सभी 60 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
सुपौल अंचल के 12 कर्मचारी, त्रिवेणीगंज के 8 कर्मचारी, किशनपुर के 7 कर्मचारी, छातापुर के 6 कर्मचारी, राघोपुर व पिपरा के 5-5 कर्मचारी, सरायगढ़-भपटियाही, बसंतपुर और मरौना 4-4 कर्मचारी, प्रतापगंज के 3 कर्मचारी, निर्मली के 2 कर्मचारी शामिल है।
कोई टिप्पणी नहीं