सुपौल। बीसवीं सदी के महान संत ब्रह्मलीन महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को सिमराही नगर पंचायत के वार्ड नंबर 3 स्थित छठ पोखर के समीप श्री संतमत सत्संग मंदिर सहित क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में भव्य आयोजन किया गया। जयंती समारोह में श्रद्धालु सत्संगियों की बड़ी भागीदारी रही।
इस अवसर पर महर्षि मेंही परमहंस जी के तैल चित्र को सुसज्जित रथ में रखकर जय घोष के साथ शोभायात्रा निकाली गई। नगर भ्रमण के पश्चात उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में सत्संगी वृंद सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रातःकालीन सत्संग, भंडारा एवं अपराह्न कालीन सत्संग का भी आयोजन किया गया।
सत्संग में वक्ताओं ने महर्षि मेंही के जीवन दर्शन और शिक्षाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। संतमत सत्संग मंदिर के संरक्षक उमेशानंद बाबा ने कहा कि आज की भौतिकता से भरी दुनिया में आध्यात्मिकता ही शांति का मार्ग है। महर्षि मेंही जी के विचारों को आत्मसात कर भारत में रामराज्य की कल्पना साकार हो सकती है।
सत्संगप्रेमी प्रो. राम कुमार कर्ण ने बताया कि गुरु महाराज ने सभी संप्रदायों का सम्मान करते हुए संतमत को एक सूत्र में पिरोया। उन्होंने आत्मा और परमात्मा के ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया। उन्होंने सत्संगियों से आह्वान किया कि वे ध्यानयोग के साथ गुरु के दिखाए मार्ग पर चलें।
वरिष्ठ नेता परमेश्वर सिंह यादव ने गुरुजी के जीवन से प्रेरणा लेने और उसे अपने जीवन में उतारने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे हम भौतिक मोह माया से मुक्त होकर मोक्ष की ओर बढ़ सकते हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में परमेश्वर सिंह यादव, अनिल महतो, योगेंद्र साह, भुवनेश्वरी यादव, माहेश्वरी यादव, योगेश्वर यादव, मुनेश्वर यादव, नीतीश कुमार, तपेश्वर भारती, कैलाश दास, उमेश यादव, बिजेंद्र यादव, शीतल यादव, सुरेंद्र यादव, जागेश्वर यादव, हरिहर यादव, गायत्री शर्मा, अयोधि बैठा सहित अन्य कार्यकर्ताओं का अहम योगदान रहा।
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