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त्रिवेणीगंज सीओ पर कार्रवाई में देरी, समाहर्ता के निर्देशों के डेढ़ माह बाद भी नहीं बना आरोप पत्र



सुपौल। त्रिवेणीगंज अंचलाधिकारी प्रियंका सिंह के खिलाफ राजस्व कार्यों में लापरवाही के आरोपों पर अब तक कोई ठोस प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो सकी है। सुपौल समाहर्ता द्वारा 12 मार्च 2025 को स्पष्ट निर्देश जारी किए जाने के बावजूद अभी तक आरोप पत्र तक नहीं तैयार किया गया है, जिससे प्रशासनिक निष्क्रियता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

सीओ प्रियंका सिंह पर भू-लगान वसूली, ई-मापी, दाखिल-खारिज, परिमार्जन, अतिक्रमण हटाने और वास भूमि पर्चा वितरण जैसे महत्वपूर्ण राजस्व कार्यों में उदासीनता और लापरवाही बरतने के आरोप हैं। इन विषयों पर लम्बे समय से आमजन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायतें की जाती रही हैं। इन शिकायतों के आलोक में सुपौल के जिलाधिकारी ने डीसीएलआर को दो दिनों के भीतर चार प्रतियों में आरोप पत्र तैयार कर समाहर्ता कार्यालय को सौंपने का निर्देश दिया था।

लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं की गई है। ना ही आरोप पत्र तैयार हुआ है और ना ही संबंधित अधिकारियों ने इस दिशा में कोई संज्ञान लिया है। जिला स्तरीय बैठकों और मौखिक निर्देशों के बाद भी कार्रवाई के अभाव ने प्रशासनिक तंत्र की निष्क्रियता को उजागर कर दिया है।

शनिवार को जब इस मामले को लेकर डीसीएलआर संस्कार रंजन से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा, "अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। हम लोग अपने कोर्ट के कार्यों में इतने उलझे हुए हैं कि समय नहीं मिल पा रहा है। हम इस पर बात करेंगे।"

इस देरी से न सिर्फ जवाबदेही की भावना पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि आम जनता को राजस्व से जुड़ी मूलभूत सेवाओं के अभाव में भारी परेशानी भी हो रही है। लोग लगातार अंचल कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अपेक्षित सेवाएं नहीं मिल रही हैं।

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