सुपौल। संतमत के महान प्रवर्तक परम संत महर्षि मेंहीँ परमहंस जी महाराज की 141वीं पावन जयंती रविवार, 11 मई 2025 को संतमत सत्संग मंदिर, सुपौल में अत्यंत श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाई गई। इस अवसर पर प्रभात फेरी, सत्संग, भंडारा सहित कई आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान संतमत विचारधारा और महर्षि मेंहीँ जी के जीवन दर्शन को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया गया। वक्ताओं ने बताया कि महर्षि मेंहीँ परमहंस जी महाराज का संदेश था कि ईश्वर एक है और वह हर व्यक्ति के भीतर विद्यमान है। उन्होंने बाह्य आडंबर, पंथों और भेदभाव को त्याग कर अंतर्मुखी साधना को मोक्ष का मार्ग बताया। उन्होंने सभी धर्मों की एकता और मानवता को ही आध्यात्मिक जीवन का आधार बताया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के सदस्य सह जिला सहायक मंत्री डॉ. अमन कुमार और डॉ. राजा राम गुप्ता ने बिहार सरकार एवं भारत सरकार से आग्रह किया कि महर्षि मेंहीँ परमहंस जी महाराज की जयंती, जो वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को होती है, को राजकीय अवकाश घोषित किया जाए। साथ ही उनके सिद्धांतों को स्कूली शिक्षा-पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग भी की गई, ताकि भावी पीढ़ी एक सशक्त, नैतिक और आध्यात्मिक समाज की दिशा में अग्रसर हो सके।
स्थानीय सत्संग मंदिर के मंत्री वासुदेव चौधरी एवं राजीव कुमार ने कहा कि सत्संग भवन धर्म प्रेमियों, साधकों और आम जन के लिए सदैव खुला रहता है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि इस आध्यात्मिक पर्व में पूरे परिवार सहित भाग लें।
कार्यक्रम को सफल बनाने में नारायण पोद्दार, शंकर चौधरी, ई. अशोक चौधरी, नरेश कुमार, संतोष साह, छाया दीदी, संदीप कुमार, विपिन कुमार, सियाराम दास, आजाद बाबा, धर्मेन्द्र कुमार, दिनेश यादव, देव नारायण मंडल, तारा सिंह, बिंदु देवी सहित कई श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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