सुपौल। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर "सहकारिता में सहकार" कार्यक्रम के तहत सुपौल टाउन हॉल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, सुपौल के नेतृत्व में और जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) अनिल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यशाला के दौरान सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी वक्ताओं द्वारा विस्तारपूर्वक दी गई। अलग-अलग सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों ने भी विभागीय योजनाओं पर गहराई से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर उपस्थित सभी पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक तथा प्रबंधकारिणी सदस्यों को योजनाओं से संबंधित पूछे गए सभी प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए। इसके बाद सुधा डेयरी, सुपौल के प्रतिनिधि डॉ. जितेन्द्र कुमार ने डेयरी से संबंधित उपयोगी जानकारियाँ साझा कीं।
कार्यशाला में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक ने पैक्स कम्प्यूटराईजेशन योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चयनित 99 पैक्सों में से अब तक 22 पैक्स को "ई-पैक्स" घोषित किया जा चुका है। साथ ही, तीन पैक्स में हैंड होल्डिंग मॉडल के साथ कम्प्यूटराइजेशन की प्रक्रिया चलाई जा रही है।
जिला प्रबंधक, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) ने जानकारी दी कि सुपौल जिले के 171 पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से पैक्सों की व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में जरूरी मार्गदर्शन दिया गया।
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने सुझाव दिया कि प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) और अन्य सहकारी संस्थाओं को बैंक मित्र के रूप में नियुक्त किया जाए। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना है। उन्होंने बताया कि बैंक मित्र के रूप में सहकारी समितियाँ न केवल बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेंगी, बल्कि डीबीटी, खाता संचालन, ऋण आवेदन, बीमा, आधार सीडिंग, मोबाइल नंबर अपडेट, और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगी।
कार्यशाला में जिले के सभी पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक, कार्यकारिणी सदस्य, व्यापार मंडल अध्यक्ष, मत्स्यजीवी समिति के प्रतिनिधि, जिला सहकारिता कार्यालय एवं जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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