सुपौल। संभावित बाढ़ आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने के उद्देश्य से बुधवार को निर्मली प्रखंड के टीसीपी भवन में जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रखंड क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि, प्रखंड स्तरीय एवं संबंधित विभागीय पदाधिकारी, पंचायत सचिव, आपदा मित्र, अंचलाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान निर्मली प्रखंड की सभी 4 बाढ़ प्रभावित पंचायतों के जनप्रतिनिधियों से क्रमवार रूप से बाढ़ से पूर्व, बाढ़ के दौरान एवं बाढ़ के पश्चात उत्पन्न होने वाली संभावित समस्याओं की जानकारी ली गई। जिलाधिकारी ने सभी समस्याओं के समाधान हेतु मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ जैसे आपदाकालीन समय में सभी विभागों और जनप्रतिनिधियों के बीच आपसी सहयोग और समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारियों से आग्रह किया कि किसी भी परिस्थिति में राहत एवं बचाव कार्य बाधित न हो।
बैठक में GR सूची का यथाशीघ्र सत्यापन, बाढ़ आश्रय स्थलों की समुचित व्यवस्था एवं संचालन की तैयारी, नावों का निबंधन एवं उपलब्धता सुनिश्चित करना, सामुदायिक रसोई के सुचारु संचालन हेतु पूर्व व्यवस्था, आपदा के समय समन्वित एवं त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली का गठन, टीला एवं संपर्क सड़कों की मरम्मत, बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण आदि प्रमुख बिंदुओं पर विशेष रूप से निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी प्रभावित पंचायतों के जनप्रतिनिधियों एवं नाविकों के साथ समन्वय बैठक शीघ्र आयोजित करें, ताकि राहत और बचाव कार्य के लिए कार्यनीति तैयार की जा सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि संभावित बाढ़ की स्थिति से आमजन को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ समयबद्ध एवं प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाएं।
यह बैठक बाढ़ जैसी आपदा से पहले की तैयारी को लेकर प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता का प्रमाण है, जिससे जिले में संभावित संकट के समय राहत कार्य को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
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