सुपौल। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 की तैयारियों को गति देने के उद्देश्य से जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी सावन कुमार ने की। जबकि उप विकास आयुक्त की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यशाला को विशेष महत्व प्रदान किया।
इस प्रशिक्षण में विभिन्न विभागों के जिला एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारी, जिनमें सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, निदेशक DRDA, जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, मनरेगा, आईसीडीएस, जीविका आदि शामिल थे, ने भाग लिया। साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तरीय समन्वयक भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ DRDA निदेशक द्वारा जिलाधिकारी के स्वागत से हुआ। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए सर्वेक्षण की प्रक्रिया, मार्किंग प्रणाली, संभावित चुनौतियाँ, और उनके समाधान पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी संरचनाओं का सही उपयोग और नियमित देखरेख बेहद जरूरी है। यह सुनिश्चित करना सभी संबंधित अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है, ताकि जिला सर्वेक्षण में श्रेष्ठ रैंक हासिल कर सके।
जिला समन्वयक ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया, जिसमें सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली, मूल्यांकन के मापदंड, और अपेक्षित कार्यों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
उप विकास आयुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों से समन्वित रणनीति पर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि Citizen Feedback इस सर्वेक्षण की एक प्रमुख कड़ी है, और सभी को चाहिए कि वे जनजागरूकता फैलाएं एवं लोगों को फीडबैक देने के लिए प्रेरित करें।
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों ने ऑनलाइन Citizen Feedback फॉर्म भरकर अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
यह कार्यशाला जिले में स्वच्छता मिशन को नई दिशा और ऊर्जा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। जिला प्रशासन के प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि सुपौल आने वाले सर्वेक्षण में उच्च रैंकिंग हासिल करेगा।
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