सुपौल। जिले के शिक्षा विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब सदर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय कर्णपुर में औचक निरीक्षण के दौरान दो शिक्षिकाएं कक्षा में सोती हुई पाई गईं। यह चौंकाने वाली लापरवाही जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) संग्राम सिंह के निरीक्षण में सामने आई, जिसने जिले की शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को उजागर कर दिया।
निरीक्षण के दौरान विद्यालय की सहायक शिक्षिकाएं रूपश्री और निर्मला कुमारी कक्षा में पढ़ाने के बजाय आराम करती हुई मिलीं। जब डीईओ ने इस लापरवाही पर जवाब तलब किया, तो दोनों शिक्षिकाएं कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकीं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनका जवाब भी अस्वीकार्य पाया गया।
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने तत्काल प्रभाव से दोनों शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है। विभाग ने इस कृत्य को "कर्तव्य में लापरवाही" और "अनुशासनहीनता" मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत रखा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निलंबन अवधि के दौरान शिक्षिका रूपश्री का मुख्यालय सरायगढ़ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय जबकि शिक्षिका निर्मला कुमारी का मुख्यालय किसनपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय निर्धारित किया गया है।
इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार और विभाग द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों के बावजूद कुछ शिक्षक अपने दायित्व को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिससे न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि पूरे शैक्षणिक तंत्र की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
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