सुपौल। निर्मली थाना अंतर्गत कांड संख्या 226/23 और पॉक्सो वाद संख्या 101/23 में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म से जुड़े संगीन मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) श्रीमान संतोष कुमार दुबे की अदालत ने शुक्रवार, 04 जुलाई 2025 को फैसला सुनाया।
न्यायालय ने आरोपी अजय कुमार, उम्र 25 वर्ष, पिता भरत मेहता, निवासी मझारी वार्ड नं. 08, थाना निर्मली, जिला सुपौल को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत कुल 21 वर्ष की सश्रम कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(j)(n) के तहत 21 वर्ष का सश्रम कारावास और 50,000 का जुर्माना। जुर्माना नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा। धारा 366 (अपहरण) के तहत 6 वर्ष का कारावास और 10,000 जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर 1 माह का साधारण कारावास, पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 21 वर्ष की सश्रम कारावास और ₹50,000 का जुर्माना, पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 21 वर्ष की सश्रम कारावास और ₹50,000 का जुर्माना। जुर्माना नहीं देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि धारा 376, पॉक्सो की धारा 4 और 6 में जो जुर्माने की राशि निर्धारित की गई है, उसे समायोजित करते हुए कुल ₹50,000 की ही वसूली की जाएगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
न्यायालय ने पीड़िता को न्याय दिलाते हुए 1,00,000 (एक लाख रुपए) का मुआवजा देने का आदेश भी पारित किया है।
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभावी रूप से पैरवी की, वहीं नागेंद्र नारायण ठाकुर और विद्याकर मंडल ने बचाव पक्ष की ओर से बहस की।न्यायालय में कुल 15 गवाहों की गवाही हुई, जिनके आधार पर आरोपी को दिनांक 28 जून 2025 को दोषी करार दिया गया था।
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