सुपौल। जिला मुख्यालयर स्थित मेला ग्राउंड के मवेशी हाट परिसर में शुक्रवार को भीषण अगलगी की घटना में नौ दुकानें जलकर पूरी तरह राख हो गईं। आगजनी की इस घटना में करीब 15 से 16 लाख रुपए मूल्य की संपत्ति नष्ट हो गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग सबसे पहले श्याम किशोर सुमन की दवा दुकान में लगी। जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया और आसपास की दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते नौ दुकानों को आग ने पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लिया।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। इसके बाद दमकल विभाग की दो गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
अग्निपीड़ित दुकानदारों में विनोद कुमार विद्याकर, विनोद पौद्दार, किशोर ठाकुर, दिनेश ठाकुर, वीरेंद्र ठाकुर, आसीन मियां, विशुनदेव मुखिया, श्यामकिशोर सुमन और शिवनारायण यादव का नाम शामिल है। सभी दुकानों में रखा गया सामान जलकर पूरी तरह बर्बाद हो गया।
घटना को लेकर अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी विन्ध्वासिनी राय ने बताया कि आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है और घटना की जांच की जा रही है। वहीं प्रखंड राजस्व पदाधिकारी (सीओ) प्रियंका सिंह ने स्पष्ट किया कि दुकान में आग लगने पर अंचल स्तर पर मुआवजा देने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। मुआवजा प्रायः आवासीय घरों को क्षति पहुंचने पर दिया जाता है।
हालांकि, उन्होंने बताया कि यदि शार्ट सर्किट आग का कारण सिद्ध होता है, तो पीड़ित दुकानदार बिजली विभाग से मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
लेकिन इस बीच बिजली विभाग के कनीय अभियंता राकेश कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद कहा कि आग शार्ट सर्किट से नहीं लगी है। विभाग की तकनीकी टीम ने प्रारंभिक जांच में शार्ट सर्किट की आशंका को खारिज कर दिया है।
इस घटना के बाद व्यापारियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि वे अपनी रोजी-रोटी के एकमात्र साधन को गंवा चुके हैं और सरकार से राहत और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
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