सुपौल। जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में उर्वरकों की उपलब्धता, आपूर्ति और वितरण व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की गई।
जिला कृषि पदाधिकारी पप्पु कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में सुपौल जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। जिले में फिलहाल यूरिया 6999.24 मीट्रिक टन, डीएपी 2047.48 मीट्रिक टन, एमओपी 2375.9 मीट्रिक टन एवं एनपीके 7491.52 मीट्रिक टन उपलब्ध है।
बैठक में डीएम सावन कुमार ने निर्देश दिया कि किसानों को उर्वरक की आपूर्ति सुगमता से और उचित मूल्य पर सुनिश्चित की जाए। उन्होंने उर्वरकों की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर सख्ती से रोक लगाने का आदेश दिया। डीएम ने कहा कि सभी उर्वरक निरीक्षक लगातार बाजार में छापेमारी करें और विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण करते रहें।
उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सीमावर्ती इलाकों में उर्वरकों के आवागमन पर विशेष निगरानी रखी जाए और यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा अनियमितता पाई जाती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, फसलों के आच्छादन के अनुसार उर्वरकों की मांग पहले से ही विभाग को भेजी जाए, ताकि आवश्यकतानुसार आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
बैठक में बिहार सरकार के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री के प्रतिनिधि के रूप में रामचन्द्र यादव, जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सहित विभिन्न उर्वरक विनिर्माता कंपनियों के क्षेत्रीय प्रबंधक एवं जिले के सभी थोक उर्वरक विक्रेता उपस्थित थे।
इस बैठक के माध्यम से जिला प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया कि किसानों के हित में उर्वरकों की उपलब्धता एवं पारदर्शी वितरण प्रक्रिया सर्वोच्च प्राथमिकता में है।
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