सुपौल। गणेश पूजा समिति द्वारा गाँधी मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर रविवार को पूरा पंडाल भक्ति रस में सराबोर रहा। मध्यप्रदेश के सिवनी मालवा से पधारी प्रसिद्ध कथा वाचिका अनन्या शर्मा जी ने अपने प्रवचन से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
कथा श्रवण कराते हुए उन्होंने कहा कि गृहस्थ रहकर भी यदि कोई भगवान की कृपा पाना चाहता है तो उसका सबसे सरल उपाय है—संत संग और भगवान की कथाओं का श्रवण। रामचरितमानस में वर्णित नवधा भक्ति में भी संत संग और कथा प्रसंग को प्रथम स्थान दिया गया है।
अनन्या जी ने शबरी प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रभु ने शबरी को नवधा भक्ति अपनाने की प्रेरणा दी थी, जिससे परमपद की प्राप्ति संभव हुई। उन्होंने गजेंद्र मोक्ष प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान केवल सच्चे हृदय की पुकार पर ही प्रकट होते हैं। वहीं समुद्र मंथन कथा से उन्होंने संदेश दिया कि जीवन में अच्छाइयों को ग्रहण कर बुराइयों का त्याग करना चाहिए।
वामन अवतार कथा में उन्होंने अहंकार का अंत सुनिश्चित बताया, जबकि राम अवतार की कथा से यह शिक्षा लेने को कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोना चाहिए।
शाम के भजन कार्यक्रम में श्रद्धालु झूम उठे। इसके बाद श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। कृष्ण जन्म प्रसंग के दौरान पूरा पंडाल "नंद के आनंद भयो" के उद्घोष से गूँज उठा। श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन और नृत्य कर जन्मोत्सव को उल्लासमय बना दिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष रामलखन चौधरी, उपाध्यक्ष उमेश चौधरी, सचिव ललन कुमार, उप सचिव अमित गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुमन गुप्ता सहित नवीन गुप्ता, अभय कुमार मिश्रा, बंटी जी कुमार, राघव राज, कुंदन कुमार, रोहित राज, राघव जायसवाल, उज्ज्वल कुमार, केशव कुमार आदि का अहम योगदान रहा।

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