सुपौल। बिहार में सुशासन और प्रशासनिक सुधार की दिशा में लागू बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 लगातार आम लोगों को राहत पहुंचा रहा है। समयबद्ध शिकायत निवारण की गारंटी देने वाले इस अधिनियम के तहत सुपौल जिले के किशनपुर प्रखंड के मलाढ़ गांव निवासी विरेन्द्र यादव को न्याय मिला।
विरेन्द्र यादव पिछले कई महीनों से अग्निकांड मुआवजा राशि के भुगतान के लिए अंचल कार्यालय किशनपुर का चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आ रहा था। अंततः उन्होंने 04 जुलाई 2025 को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सुपौल के समक्ष परिवाद संख्या-406110104072502470 दर्ज कराया।
शिकायत मिलते ही लोक शिकायत निवारण कार्यालय सक्रिय हुआ और मामले को आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी अपर समाहर्त्ता, सुपौल को भेजा। तत्पश्चात जांचोपरांत अंचल अधिकारी किशनपुर ने प्रतिवेदित किया कि विरेन्द्र यादव को ₹30,000/- (तीस हजार रुपये) की राशि दिनांक 22 अगस्त 2025 को उनके बैंक खाते में भुगतान कर दी गई है।
इस त्वरित कार्रवाई से संतुष्ट विरेन्द्र यादव ने कहा कि महीनों से लंबित मेरा मामला बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की वजह से कुछ ही दिनों में हल हो गया। यह कानून आम नागरिकों के लिए एक मजबूत सहारा है, जो न सिर्फ अधिकार देता है बल्कि सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाता है।
गौरतलब है कि इस अधिनियम के लागू होने के बाद अब तक 17 लाख से अधिक मामलों का सफलतापूर्वक निवारण किया जा चुका है। शिकायत दर्ज करने के लिए आवेदकों को कार्यालय का चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं है। इच्छुक लोग घर बैठे ऑनलाइन पोर्टल (https://lokshikayat-bihar-gov-in/), जन समाधान मोबाइल ऐप, या टोल फ्री नंबर-18003456284 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
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