सुपौल। त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के हरीहरपट्टी पंचायत वार्ड 7 से मंगलवार की सुबह दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अज्ञात अपराधियों ने 13 वर्षीय बालक की निर्मम हत्या कर शव उसके ही घर में फेंक दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि गांव के दबंगों और जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को डराकर शव को आनन-फानन में जला दिया और पुलिस को सूचना देने से रोक दिया।
मृतक की पहचान विनोद मंडल के पुत्र विकास कुमार (13 वर्ष) के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, सोमवार रात खाना खाने के लिए मां मंजू देवी ने बेटे को बुलाया था, लेकिन उसने थोड़ी देर में आने की बात कहकर टाल दिया। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। देर रात परिजनों ने खोजबीन की, लेकिन कोई पता नहीं चला। मंगलवार सुबह करीब चार बजे मां ने आंगन में जाकर देखा तो टूटे घर के भीतर विकास का शव पड़ा था। उसके गले में रस्सी और शरीर पर गहरे जख्म के निशान थे।
चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग जुट गए और इसके बाद पंचायत प्रतिनिधि, वार्ड सदस्य व अन्य दबंग लोग मौके पर पहुंचे। आरोप है कि इन लोगों ने मृतक की मां को जबरन घर में बंद कर दिया और शव को छिपाकर घर के पीछे ले जाकर बिना किसी रीति-रिवाज के यूरिया और पेट्रोल छिड़ककर जला दिया। मृतक की बहन आरती ने बताया कि भाई को जींस-पेंट और शर्ट पहने ही जला दिया गया।
परिजनों का कहना है कि विकास परिवार का इकलौता बेटा था। उसके पिता पंजाब में मजदूरी करते हैं और विकलांग हैं। मां मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती थी।
इस घटना ने न केवल गांव समाज, बल्कि जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप है कि प्रभावशाली लोगों ने साक्ष्य मिटा दिए और धमकी देकर चुप रहने को मजबूर किया।
थानाध्यक्ष रामसेवक रावत ने बताया कि मृतक का शव घर से बरामद हुआ था, लेकिन गांव समाज और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर उसे जला दिया। चूंकि शव जला दिए जाने से पोस्टमार्टम संभव नहीं हो पाया, इसलिए परिजनों के बयान और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिजन लिखित आवेदन देंगे तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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