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पिपरा नगर पंचायत कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर महिलाओं और लाभुकों का धरना, EO ने बताया आरोप बेबुनियाद


सुपौल। पिपरा नगर पंचायत पिपरा कार्यालय में सोमवार को भ्रष्टाचार के आरोपों के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाओं व लाभुकों ने धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व वार्ड संख्या 07 के वार्ड पार्षद आशीष कुमार ने किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि नगर पंचायत कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है और योजनाओं के लाभ के लिए लोगों से अवैध वसूली की जा रही है।

वार्ड पार्षद आशीष कुमार ने आरोप लगाया कि कार्यान्वयन पदाधिकारी (EO) प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभुकों से पैसे की मांग करती हैं और बिना राशि लिए भुगतान जारी नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत द्वारा किए गए उपकरणों की खरीद जैसे तिरंगा लाइट, प्लास्टिक व स्टील डस्टबिन, स्ट्रीट लाइट, फॉगिंग मशीन आदि बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर की गई है, और इनकी गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं है। उन्होंने मांग की कि सभी खरीद और भुगतान की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

धरना के बाद इन आरोपों से संबंधित एक आवेदन जिला पदाधिकारी सुपौल के नाम सौंपते हुए उसकी प्रति नगर पंचायत कार्यालय में भी जमा की गई। कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी प्रियंका कुमारी उपलब्ध नहीं थीं। जब मोबाइल पर उनसे इस मामले पर प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद और व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित बताया।

उन्होंने कहा कि पिपरा नगर पंचायत में कुल 11 वार्ड हैं, लेकिन केवल एक वार्ड के पार्षद द्वारा लगातार मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं जिससे दबाव बनाया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी लाभुक से राशि की मांग किए जाने की शिकायत कार्यालय में अब तक प्राप्त नहीं हुई है। यदि किसी को शिकायत है तो वह नाम सहित कार्यालय को आवेदन दे, जिस पर कार्रवाई की जाएगी।

उपकरण खरीद से संबंधित आरोपों पर EO प्रियंका कुमारी ने कहा कि सभी सामग्री सरकारी नियमों के अनुसार पारदर्शी तरीके से खरीदी गई है और इसकी जांच कराई जा सकती है। धरना प्रदर्शन के बाद मामले को लेकर नगर पंचायत में चर्चा तेज हो गई है, अब देखना यह है कि प्रशासनिक स्तर पर क्या कदम उठाए जाते हैं।

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