सुपौल। उच्च माध्यमिक विद्यालय किशनपुर में बच्चों के बीच विश्व खाद्य दिवस मनाया गया। कार्यक्रम को संचालित करते हुए विज्ञान सह विज्ञान और गणित क्लब के नोडल शिक्षक जितेन्द्र कुमार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ का एक अंग खाद्य एवं कृषि संगठन है। जिसकी स्थापना 16 अक्टूबर 1945 को किया गया था। सन 1981 ईस्वी से लोगों के बीच खाद्य संसाधन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रति वर्ष यह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का थीम है। जल ही जीवन है, जल ही भोजन है। कहा कि भोजन सभी मनुष्यों का मूल अधिकार है। सबों को भोजन के रूप में पौष्टिक आहार ग्रहण करना चाहिए। लेकिन गरीबी , अज्ञानता, लापरवाही , जागरूकता का अभाव आदि कारणों से सबों तक इसकी पहुंच नहीं हो पा रही है। फलस्वरूप लोग कुपोषण, रतौंधी, बेरी बेरी, पालेग्रा आदि बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।
विश्व भुखमरी सूचकांक 2023 के अनुसार भारत दुनियां के 150 देशों में 111वें स्थान पर है। जो कि चिंता का विषय है। हमें अपने भोजन के व्यवहार शैली में बदलाव लाने की जरूरत है। हमें यह प्रण लेना होगा कि थाली में भोजन का एक भी दाना बर्बाद ना हो। हम अपनी लापरवाही और नासमझी के कारण शादी विवाह, भोज जैसे समारोहों में अनाज की बहुत बर्बादी करते हैं। जिसे रोकने की जरूरत है।
कहा कि हमें पौष्टिक संतुलित आहार लेना चाहिए। जिसमें मोटा अनाज, हरी पत्तेदार साग सब्जी, फल, दूध, मांस, मछली इत्यादि को जरूर शामिल करना चाहिए। कहा गया है कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क का निवास होता है। मौके पर शिक्षक सुबीर कुमार ने भोजन में जल की महत्ता, गुंजन कुमारी ने साहित्य के माध्यम से इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। वहीं राजेंद्र कुमार झा ने फूड पॉइजनिंग से बचने की सलाह दी। प्रधानाध्यापक डॉ राजीव कुमार ने कहा कि तन, मन को तंदुरुस्त रखने के सही समय पर और उचित मात्रा में पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। फास्ट फूड से बचना चाहिए। मौके पर शिक्षक विनीता कुमारी, प्रणिता कुमारी, मधु कुमारी, सुवीर,गुंजन, राजेंद्र, योगेंद्र कुमार योगेश, राकेश,रामकृष्ण चौपाल, सुमन सौरभ,प्रमोद कुमार पंकज, राजन कुमार,रामेश्वर मंडल, महबूब आलम, माधव, गौरव, ओमप्रकाश, अनिशुर्रहमान, हिमांशु, कार्तिक, गुरुप्रसाद, प्रीति, ज्योति, रविशंकर आदि मौजूद थे।

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