सुपौल। नहाय खाय के साथ शुक्रवार से सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा प्रारंभ हो जायेगा। चार दिवसीय इस महापर्व की शुरूआत नहाय खाय से होगी। इस दौरान व्रती पूजा-अर्चना के बाद अग्निदेव को भोग लगा कर विशेष तौर पर कद्दू भात भोजन ग्रहण करेंगी। जिसके बाद वे दिन भर अरवा भोजन ही प्राप्त करेंगे। पुन: शनिवार को महापर्व के दूसरे दिन छठी मैया का खरना पूजा आयोजित किया जायेगा। इससे पूर्व सुबह से ही व्रती दिन भर उपवास रखेंगे। जिसके बाद संध्याकाल में घरों में खरना पूजा की जायेगी। इस दौरान व्रती प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ कर देंगे। जो सोमवार की सुबह अर्घ देने के बाद संपन्न होगा। इससे पूर्व रविवार की शाम विभिन्न तालाबों व घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा-अर्चना की जायेगी। वहीं सोमवार की सुबह पर्व के चौथे दिन तालाबों, नदियों व विभिन्न घाटों पर व्रती एवं अन्य श्रद्धालुओं द्वारा उदीयमान भगवान भाष्कर को दूध व जल का अर्घ देकर उनका पूजन किया जायेगा। साथ ही अपने व तमाम परिजन तथा समाज के लिये छठी मैया से मंगल कामना की जायेगी।
चार दिवसीय महापर्व नहाय खाय के साथ होगा शुरू, कद्दू की बढ़ी बिक्री
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