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राघोपुर : मनुष्य का परम धर्म है ईश्वर तत्व को जानना : आचार्य धर्मेंद्रनाथ

  • परमानंदपुर पंचायत के अड़राहा वार्ड नंबर 12 में श्रीमद्भागवत कथा व ज्ञान यज्ञ का हुआ आयोजन
सुपौल। राघोपुर प्रखंड अंतर्गत परमानंदपुर पंचायत के अड़राहा वार्ड नंबर-12 स्थित दुर्गा मंदिर के समीप स्थित दिनेश सिंह के आवासीय प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा व ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिवस की कथा में प्रख्यात प्रवक्ता कथा वाचक मैथिल पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि मनुष्य का परम धर्म है ईश्वर तत्व को जानना। यदि मनुष्य का शरीर मिल भी गया है और उस शरीर का यदि सदुपयोग नहीं किया जाए तो वह मनुष्य मनुष्य ना होकर के पशुवत हो जाता है। इसलिए आहार, निद्रा , भय और संतानोत्पत्ति यह तो मनुष्य जैसे करते हैं वैसे पशु भी करते हैं, किंतु मनुष्य में एक विशेष गुण है धर्म। जो पशु में नहीं पाया जाता है ।मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है, जीव है, जीवात्मा है जो धर्म का आचरण करके मनुष्य की जीवन की जो सार्थकता है उसको प्राप्त कर सकता है। अर्थात धर्म को ग्रहण करके ईश्वर तत्व में प्रतिष्ठित होकर के परम धर्म और परम मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। तीसरे दिवस की कथा के अंतर्गत पितामह भीष्म की प्रयाण भगवत दर्शन के बाद, कुंती माता की करुण वात्सल्य भाव से भगवान श्री कृष्ण को द्वारका जाने से रोकना, वीर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे परिक्षित की कृष्ण द्वारा रक्षा, भगवान श्री कृष्ण का द्वारका जाने की कथा, पांडवों का स्वर्गारोहण, तथा राजा परीक्षित के द्वारा कलियुग पर सासन, श्रृष्टि वर्णन, भगवान के अवतारों की कथा के साथ साथ ध्रुव जी की कथा, राजा बैन की कथा के साथ साथ अनेकानेक कथा को उपस्थित श्रद्धालु भक्तजन को श्रवण कराए। सकल समाज इस कथा ज्ञान यज्ञ से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त कर रहे हैं। सकल समाज बड़े ही भक्ति भाव से कथा श्रवण कर रहे हैं। वही इस कथा में अनेक विद्वानों के मंत्रोचारण से छेत्र का वातावरण भक्ति मय बना हुआ है।एवं हजारों की संख्या में भक्त लोग उपस्थित रहकर के भक्ति भाव पूर्वक कथा श्रवण करते हैं ।तीसरे दिवस की कथा में आगे उन्होंने विस्तार से कथा रहस्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भीष्म जी का प्रयाण, कुंती जी के द्वारा भगवान की स्तुति ,राजा परीक्षित का जन्म, तथा सुकदेव जी भगवान का प्रादुर्भाव की कथा बड़े ही रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किए। आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि मनुष्य के परम कल्याण के लिए समस्त जीव के कल्याण के लिए संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए ही व्यास भगवान ने श्रीमद्भागवत महापुराण का निर्माण किया रचना किया ।और यदि सभी मानव इस भागवत शास्त्र में कहे हुए उपदेश को तत्व को ग्रहण कर लें तो निश्चित रूप से समस्त प्रकार के मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो जाती है।

यज्ञ के सफल आयोजन में मुख्य यजमान दिनेश सिंह, फुलमती देवी, संत विनोदानंद झा, समाजसेवी सुधीर कुमार मिश्र, मनोज सिंह. कमल सिंह, बबलू सिंह सहित समस्त ग्रामवासी पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं।

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