सुपौल। राघोपुर प्रखंड अंतर्गत लखीचंद साहू उच्च विद्यालय, सिमराही के मैदान में मंगलवार को आयोजित कुशवाहा स्वाभिमान रैली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शक्ति प्रदर्शन का प्रमुख केंद्र बन गई। लगातार बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में उमड़े कार्यकर्ताओं और आमजन ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
रैली की अध्यक्षता राजद नेता बैद्यनाथ मेहता ने की, जबकि कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। अपने संबोधन में तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार को बिहार के सबसे बड़े दुश्मन बताते हुए नीतीश सरकार पर तीखे हमले किए।
उन्होंने कहा कि राज्य में हालत यह हो गई है कि बिना घूस दिए थाने या अंचल कार्यालय में कोई काम नहीं होता। जिस तरह 15 साल पुरानी गाड़ी कभी भी खराब हो सकती है और हम उसे बदल देते हैं, उसी तरह 15 साल पुरानी सरकार को भी अब बदलने का समय आ गया है।
तेजस्वी यादव ने अपनी पूर्व सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि "हमने 5 लाख लोगों को नौकरी दी थी। हमारी घोषणाओं की नकल कर मौजूदा सरकार ने एक करोड़ नौकरी की बात की, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं है।
रैली के दौरान तेजस्वी यादव ने आगामी सरकार बनने पर कई योजनाओं की घोषणा भी की। "माय बहन सम्मान योजना" के तहत हर महिला को ₹2500 प्रति माह आर्थिक सहायता। कोसी डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन कर क्षेत्र के समग्र विकास की ठोस योजना। हर पंचायत में मक्का भंडारण केंद्र की स्थापना, ताकि किसानों को उचित मूल्य और संरक्षण मिल सके।
उन्होंने कहा कि अब यह सरकार न जनता की सुन रही है, न ही उसके हित में कोई ठोस कदम उठा रही है। अब यह सरकार थक चुकी है, इसे बदलने का समय आ गया है," तेजस्वी ने मंच से लोगों से आह्वान करते हुए कहा।
इस रैली में राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगली लाल मंडल, पूर्व मंत्री ललित यादव, पूर्व मंत्री आलोक मेहता, पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा, युवा राजद प्रदेश अध्यक्ष राजेश यादव, राज्यसभा सांसद संजय यादव, एमएलसी अजय सिंह, सिंहेश्वर विधायक चंद्रहास चौपाल समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।
बारिश के बावजूद भारी भीड़ और तेजस्वी यादव के हमलावर तेवर ने यह साफ कर दिया कि राजद आगामी चुनावों में बेरोजगारी, महिला सशक्तिकरण और किसान हितों को लेकर आक्रामक एजेंडे के साथ मैदान में उतर रही है। सिमराही की यह रैली न सिर्फ राजनीतिक ऊर्जा का प्रदर्शन थी, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों की भी झलक देती है।
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