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आरएसएम पब्लिक स्कूल के 29वें वार्षिकोत्सव पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

सुपौल। एक प्रसिद्ध कहावत है अंत भला तो सब भला। अर्थात आगाज बढ़िया तो अंत बहुत बढ़िया। कुछ इसी तर्ज पर गुरुवार की संध्या आरएसएम पब्लिक स्कूल के 29वें वार्षिकोत्सव का समापन भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ किया गया। इस सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि सांसद दिलेश्वर कामैत, सांसद, विशिष्ट अतिथि पिपरा विधायक रामविलास कामत थे। डीएम कौशल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या को एसपी शैशव यादव, डीडीसी मुकेश कुमार, नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेन्द्र झा राघव, मेला सचिव संजीव नयन गुप्ता, बिहार प्रांत मारवाडी सम्मेलन के अध्यक्ष युगल किशोर अग्रवाल, पूर्व मेला सचिव राजेन्द्र यादव एवं नागेन्द्र नारायण ठाकुर, सुरेन्द्र यादव, उमैद जैन, जगदीश प्रसाद यादव, सतीश कुमार, उदयकांत झा, वीरेन्द्र कुमार सिंह, अमर कुमार चौधरी, विजय शंकर चौधरी, डॉ सुब्रत मुखर्जी, प्रो ज्ञानंजय द्विवेदी, सुरेन्द्र प्रसाद, प्रो निखिलेश कुमार, जिला विधिक प्राधिकार के सचिव तरूण झा, अभिभावक प्रतिनिधि डॉ अरविन्द कुमार, मकसूद आलम, मो फरीद, हरेकांत झा, अजय कुमार अजनबी, डॉ राजा राम गुप्ता, संदीप मोहनका, पवन अग्रवाल, ब्रजलाल मुखिया, नारायण कामत एवं बड़ी संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति रौनक प्रदान करती दिखाई पड़ी।



कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन सांसद श्री कामैत, विधायक, डीएम, डीडीसी समेत संजीव नयन गुप्ता, युगल किशोर अग्रवाल, राजेन्द्र यादव, नागेन्द्र नारायण ठाकुर एवं विद्यालय प्राचार्य डॉ विश्वास चन्द्र मिश्र द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। तत्पश्चात समस्त अतिथियों का सम्मान मिथिला की प्रसिद्ध परम्परा के मुताबिक पाग, चादर एवं पर्यावरण के संरक्षण प्रतीक पौधा प्रदान कर किया गया। विद्यालय के वर्ग आठ के छात्र श्रेयस एवं आयुष द्वारा स्वस्ति वाचन किया जाना इस कार्यक्रम का विशेष आर्कषण रहा। सांसद दिलेश्वर कामैत ने कहा कि आरएसएम पब्लिक स्कूल कोशी कमिश्नरी ही नहीं अपितु राज्य स्तर पर अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां के छात्र गणित, विज्ञान, साहित्य कला से लेकर खेलकूद आदि विविध क्षेत्रों में अपना परचम राज्य ही नहीं पूरे देश में लहरा रहे हैं। यहां के शिक्षक किसी के परिचय के मोहताज नहीं हैं। यहां के बच्चों का अन्यान्य क्षेत्रों में प्रदर्शन ही प्रबंधन, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ सभी अभिभावकों का परिचय है। पिपरा विधायक रामविलास कामत ने कहा कि मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव की वह सोच जो 29 वर्ष पूर्व विद्यालय की नींव में डाली गयी थी, आज फलीभूत होता दिखाई देता है। स्थापना से आज तक इस विद्यालय ने सुपौल शहर एवं सुदूर क्षेत्र को अत्यधिक प्रतिष्ठा दिलाई। कारण यह है कि यहां की व्यवस्था प्रशंसनीय एवं सराहनीय है।



जिलाधिकारी श्री कुमार ने उपस्थित छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं समस्त कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया कि यह विद्यालय उत्तरोत्तर विकास के पथ पर अग्रसर है। पहली बार वे जब यहां आये तो उन्हें यह लगा कि कोई विद्यालय इतना अच्छा कैसे कर सकता है। धीरे-धीरे उन्हें यकीन हुआ कि यहां का प्रबंधन सशक्त है। शिक्षकों की मजबूत टीम है और सभी कर्मचारीगण अत्यधिक कर्मठ हैं। उन्होनें अध्यक्ष की हैसियत से समस्त अभिभावकों को आश्वस्त किया कि आपके बच्चे यहां अध्ययनरत है तो आप सदा-सदा के लिए निश्चिंत रहें कि आपका बच्चा कल का एक महान शख्सियत बनकर परिवार और समाज की प्रतिष्ठा बढ़ायेगा। एसपी श्री यादव ने अपने संबोधन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं का समुचित मार्ग दर्शन किया। उन्होनें कहा कि यह विद्यालय बच्चों के सर्वांगीण विकास करता है। यहां के बच्चे विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों में प्रदर्शनी ही नहीं लगाते अपितु अनुसंधान करते हैं तथा व्याख्या करते हुए निष्कर्ष तक पहुंचते हैं। यहां के बच्चे एवं शिक्षक सिर्फ पुस्तकों तक सीमित नहीं है। विद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रबंधक संजीव नयन गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया। समस्त अतिथियों का स्वागत विद्यालय प्राचार्य डॉ विश्वास चन्द्र मिश्र ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन युगल किशोर अग्रवाल द्वारा किया गया। विद्यालय के उद्घाटन सत्र का संचालन विद्यालय के शिक्षक द्वय मो बदीउज्जमा एवं श्री हर्षवर्द्धन राय ने किया।





द्वितीय सत्र में छात्र-छात्राओं द्वारा एक भव्य एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत प्रज्ञा चौहान एवं हिमांशी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से की गयी। स्वागत गान कृतिका एवं सौम्या के द्वारा प्रस्तुत किया गया। वर्ग दो की छात्रा भाव्या की जय-जय भैरवि असुर भयाबनि भजन ने तो पूरे पंडाल को भक्तिमय बना दिया। भाव्या की टोली कृष्ण के मनोहारी बालरूप पर आधारित बाल नृत्य ने दर्शकों एवं श्रोताओं को आनन्द के रस में सराबोर कर दिया। शिव तांडव की प्रस्तुति ने तो पूरे पंडाल की रूपरेखा ही बदल दी जब इस समूह की छात्राएं हिमांशी, प्रज्ञा एवं सौम्या ने अपनी सशक्त प्रस्तुति से शंकर के नृत्य को मंच पर साकार कर दिखाया। बहुमुखी प्रतिभा का धनी छात्र शिवम का बांसुरी वादन ने एकरसता में संगीत की समरसता भरने का प्रयास किया। पीहू और तुहिना का दुर्गा भाव नृत्य, साक्षी एवं समूह का आदिवासी नृत्य, मिष्टी एवं समूह का बुद्ध, सा मन, स्नेहम एवं रूद्र की टोली का छठ नृत्य, साक्षी चौहान एवं समूह नारी सशक्तीकरण पर नाट्य वाटिका आनन्दी बेन, शिवम एवं समूह का समूह नृत्य ने पूरे पंडाल की भरपूर तालियां बटोरी, निधि एवं रक्षा की प्रस्तुति के साथ-साथ आयुषी एवं चांदनी की मैथिली नृत्य प्रस्तुति कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने में पीछे नही रही।



कौशिकी, अनुष्का एवं समूह द्वारा प्रस्तुत डांडिया नृत्य ने सदय गुजरात की याद दिला दी तो स्नेहा एवं समूह द्वारा प्रस्तुत 'मेरे घर राम आए' हैं श्रोताओं को भरपूर आनंद प्रदान किया। मिष्टी एवं हेमा का राजस्थानी नृत्य राजस्थान की लोक संस्कृति का परिचय देने में कोई कसर नहीं छोड़ा फिर साक्षी एवं सौम्या का होली गीत आनन्द के रंगों में समस्त दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। समस्त कार्यक्रमों का सिरमौर साबित हुआ माता दुर्गा का नौ अवतार, जिसमें समस्त देवियों के स्वरूपों की प्रस्तुति अत्यधिक असरदार रही। सबसे बढकर काली के स्वरूप की प्रस्तुति जो हिमांशी द्वारा की गयी, उसकी भूरि-भूरि प्रशंसा समस्त श्रोताओं एवं दर्शकों द्वारा खुले कंठ से की गयी। इस समस्त कार्यक्रम की खास विशेषता रही कि आरंभ से अंत तक श्रोता एवं दर्शक भरपूर आनन्द मग्न होकर झूमते रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन वर्ग दशम की छात्राएं प्रज्ञा प्रकाश, स्टेला, सुमन, अंशिका, अदिति, प्रेरणा, खूशबू, सलोनी, जयन्ती, चेतना, अनान्या, नरगिस, रिया एवं सौम्या ने किया। वर्ग दशम के छात्र शिवांशु एवं अभिकर्ष ने विद्यालय के विकास का इतिहास प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संयोजन बबीता कुमारी, निशा पूनम, कल्पना झा एवं सुनील पोद्दार द्वारा किया गया।

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