सुपौल। राघोपुर प्रखंड के हरिराहा पंचायत वार्ड नंबर-12 स्थित कार्तिक मंदिर प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा का रविवार को भव्य समापन हुआ। अंतिम दिन कथा वाचक संत श्री हरिदास जी महाराज ने भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन से जुड़े कई प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया।
कथा के दौरान संत हरिदास जी महाराज ने रावण वध और श्रीराम के राज्याभिषेक का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहलाए क्योंकि उन्होंने हर परिस्थिति में धर्म, सत्य और मर्यादा का पालन किया। उन्होंने बताया कि ज्ञान और वैभव से संपन्न रावण का अंत उसके अहंकार के कारण हुआ। अहंकार मनुष्य के पतन का मूल कारण है, इसलिए हमें सदैव विनम्रता और भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए।
कथा के क्रम में प्रस्तुत मनमोहक झांकियों और भक्ति गीतों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा परिसर भक्तिरस में डूब गया और श्रद्धालु जय श्रीराम के जयघोष के साथ भावविभोर हो उठे।
समापन अवसर पर संत हरिदास जी महाराज ने कहा कि केवल प्रवचन सुनना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे जीवन के आचरण में उतारना ही सच्ची भक्ति है।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में कार्तिक पूजा समिति के सदस्यों सहित स्थानीय ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और आयोजन को सफल बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया।

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