- एसएच-91 से लक्ष्मीपुर को जोड़ने वाली सड़क में हुआ वाक्या, घंटे भर बाजार की बिजली रही गुल
सुपौल। छातापुर में एसएच-91 को लक्ष्मीपुर पंचायत से जोड़नेवाली सड़क के मुहाने पर गुरुवार की देर संध्या अनियंत्रित ट्रैक्टर ने संचरण लाइन के तीन खंभे को टक्कर मारकर तोड़ दिया। हालांकि पुलिस ने मौके से ट्रैक्टर को भी कब्जे में लिया। लेकिन बिजली विभाग ने रहम की ऐसी कृपा बरसाई कि शुक्रवार को वाक्ये के लिए जिम्मेदार ट्रैक्टर को थाने से मुक्त कर दिया गया। गणीमत रहा कि जिस वक्त खंभे भर भराकर गिरे आसपास कोई न था अन्यथा अनहोनी हो सकती थी। खंभा टूटकर गिरने से संबंधित क्षेत्र के उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई और उनकी पूरी रात अंधेरे में कटी। इतना ही नहीं उक्त हादसे के कारण घंटे भर बाजार की बिजली बाधित रही। टक्कर के समय आवाज इतनी जोरदार हुई कि आसपास के घरों के रहवासी भयभीत हो गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। मामले की जानकारी पुलिस तक पहुंची और पुलिस ने हादसे के लिए जिम्मेदार ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया। स्थापित विद्युत कर्मियों ने बाजार की बाधित आपूर्ति को बहाल करने में सक्रियता दिखाई और घंटे भर में संबंधित प्रभावित क्षेत्र को छोड़ शेष क्षेत्राधीन आपूर्ति बहाल कर ली गई। लेकिन शुक्रवार की सुबह से जिस तरह की गतिविधियां अपनाई गई हैरान करने वाली थी।
सफेदपोशों की एंट्री हुई फिर थाने से बिजली विभाग तक को मैनेज करने का खेल शुरू हो गया। दोपहर को जब थाने से जिम्मेदार ट्रैक्टर को मुक्त किया गया तो भ्रष्ट सिस्टम की पोल खुल गई। पता चला कि तीन खंभे व संचरण लाइन का नुक़सान उठाने वाली विभाग मेलफांस की कहानी में फंसे गई और थाने से ट्रैक्टर को मुक्त करना पड़ा। अब मौके से ट्रैक्टर को कब्जे में लेने वाली पुलिस किस कदर लाचार हुई यह तो उन्हीं को बेहतर पता है। लेकिन रात भर अंधेरे में रात गुजारने वाले उपभोक्ता ठगे रह गए। हैरान करने वाली बात यह भी कि वाक्या थाने से महज 400 गज की दूरी पर हुआ। बावजूद पुलिस हाथ पर हाथ धरे रह गई और जिम्मेदार सफेदपोशों के रहमो-करम पर बेदाग निकल गया। अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि विभाग अपने नुकसान की भरपाई कहां से करती है और कागजों की कहानी क्या है।
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