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त्रिवेणीगंज : रेड रिबन क्लब द्वारा विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एएलवाय कॉलेज में संगोष्ठी एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

सुपौल । त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित अनूपलाल यादव महाविद्यालय के तत्वावधान में  शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय इकाई सह रेड रिबन क्लब द्वारा विश्व एड्स दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ  जयदेव प्रसाद यादव की अध्यक्षता में संगोष्ठी एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास वहां के व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। मानव के लौकिक स्थूल जीवन में तरह-तरह के हानिकारक विषाणु अर्थात वायरस कई माध्यमों से फैल कर जीव- जंतु अथवा मानव के स्वास्थ्य को बिगाड़ देता है। जिससे, राष्ट्र का विकास अवरुद्ध होता है। उन्हीं में से एड्स एचआईवी के संक्रमण से फैलने वाली एक घातक रोग है। जिससे धीरे-धीरे मानव जीवन का लीला समाप्त हो जाता है। जो, किसी भी राष्ट्र की प्रगति में बहुत बड़ा बाधक है। जिसकी चपेट में वर्तमान में पूरी दुनिया है। इस घातक रोग का जानकारी ही बचाव है। विश्व एड्स दिवस का मकसद एचआईवी ग्रसित लोगों का मदद करना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना, एचआईवी या एड्स से पीड़ित लोगों के खिलाफ हो रहे भेदभाव को रोकना, एड्स से जुड़े भ्रांति को दूर कर लोगों को एचआईवी के संबंध में शिक्षित करना है। राष्ट्र हित में आप सभी स्वयंसेवकों को चाहिए कि अपने परिवार और समाज में एचआईवी संक्रमण से बचने का उपाय बताएं तथा एचआईवी से संबंधित भ्रांतियां को दूर करें।


कार्यक्रम पदाधिकारी  प्रो विद्यानंद यादव ने बताया कि इस बीमारी को आम बोलचाल की भाषा में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते है। जिसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी के नाम से जाना जाता है। इस रोग के जानलेवा इंफेक्शन मानव के रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला करता है, जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में अक्षम हो जाता है। इस बीमारी का सीधा असर श्वेत रक्त कणिका पर होता है।यह  सीडी-4 नामक विशिष्ट रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर मानव शरीर के रोग  प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर देता है। बुखार आना, वजन कम होना, खांसी आना, सांस फूलना, थकावट महसूस करना, मांसपेशियों में दर्द, पसीना आना, ग्रंथियों का आकार बढ़ जाना, त्वचा पर लाल रैश उत्पन्न होना, लगातार दस्त आते रहना इत्यादि इसका प्रमुख लक्षण है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2020 के अंत तक अनुमानित 37।7 मिलियन लोग एचआईवी से ग्रसित थे। असुरक्षित यौन संबंध, बिना जांच कराए रक्त का व्यवहार किया जाना, व्यवहार किया गया इंजेक्शन दोबारा व्यवहार करना,  सेविंग ब्लेड का दोबारा प्रयोग इसका मुख्य कारण है। चुंबन का क्रिया करने, टॉयलेट का यूज करने, हाथ मिलाने, छिकनें तथा खांसने से यह रोग नहीं फैलता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से बिना भेदभाव किए उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करना हमारा कर्तव्य है। एड्स नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन डिग्री कॉलेजों और तकनीकी विश्वविद्यालयों में रेड रिबन क्लब का गठन कर तरह-तरह की जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों और युवाओं को जागरूक कर एड्स से बचाव हेतु अहम भूमिका निभा रहे हैं। आप सभी स्वयंसेवक परिवार और समाज को जागरूक करें। मानव जीवन को इस भयानक खतरा से बचाए। स्वस्थ्य और सभ्य समाज निर्माण में अपना सहयोग करें।

वहीं जागरूकता से संबंधित वाद-विवाद प्रतियोगिता में रिया भारद्वाज प्रथम और श्वेता जैन द्वितीय स्थान प्राप्त की। कार्यक्रम में  प्रो। अशोक कुमार,प्रो।अरुण कुमार,प्रो।कमलाकांत यादव, प्रो। सूर्यनारायण यादव, द्वितीय इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी  कुमारी पूनम,तृतीय इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो। शंभू यादव कम्युनिटी, सोनू स्नेहिल तथा अन्य एवं शिक्षकेतर कर्मचारी गण गगन कुमार,दिग्दर्शन,रंजन कुमार तथा अन्य एवं एनएसएस के स्वयंसेवक रिया भारद्वाज,श्वेता जैन,चुनचुन कुमारी,निभा कुमारी, मनीषा कुमारी,नीतू कुमारी, साक्षी कुमारी,पूजा कुमारी, चांदनी कुमारी,सोनम कुमारी आरती कुमारी,रिया कुमारी, रविता कुमारी,खुशबू कुमारी, निशा कुमारी,निक्की राज,शिल्पी ज्योति,अनु कुमारी,सोनी कुमारी, शबनम कुमारी,रुबी कुमारी, काजल कुमारी,सुप्रिया कुमारी, नीलू कुमारी,प्रियंका कुमारी एवं पूर्व स्वयंसेवक रणजीत सिंह अजय कुमार तथा अन्य उपस्थित थे।


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