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जिला जल एवं स्वच्छता समिति सुपौल के द्वारा लक्ष्य के अनुरूप 05 प्रखंडों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई की हुई स्थापना

  • बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने किया निरीक्षण

सुपौल। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के अंतर्गत प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई की स्थापना व संचालन विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में जिला जल एवं स्वच्छता समिति सुपौल के द्वारा लक्ष्य के अनुरूप 05 प्रखंडों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई की स्थापना व संचालन हेतु सर्वप्रथम सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व प्रखंड समन्ययक का उन्मूखीकरण किया गया। तत्पश्चात् प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा पीडब्लूएमयू की स्थापना हेतु पुराने भवनों व आसपास के जमीनों को दिशा-निर्देश के अनुरूप चिन्हित किया गया। संबंधित अंचलाधिकारी से एनओसी प्राप्त करते हुए डीपीआर तैयार कर सामग्री की खरीददारी हेतु खाता को खोलते हुए डीपीआर अनुमोदन हेतु जिला जल एवं स्वच्छता समिति को समर्पित किया गया। जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा डीपीआर का अनुमोदन करते हुए सभी संबंधित प्रखंड बसंतपुर, छातापुर, किशनपुर, पिपरा एवं सुपौल को राशि हस्तांतरित किया गया। विभागीय दिशा-निर्देश के अनुरूप बीपीएमयू द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 03 प्रकार की मशीनों की खरीददारी धूल साफ करने वाला मशीन, कतरण तथा कॉम्प्रेसिंग करते हुए बीपीएमयू स्तर पर पीडब्लूएमयू इकाई की स्थापना की गयी। बीपीएमयू के द्वारा ग्राम पंचायतों से विभिन्न प्रकार के प्लास्टिकों को प्राप्त करने हेतु लिंकेज किया गया। जबकि वैसे बीपीएमयू जहां नजदीक में नगर पंचायत का क्षेत्र था, नगर पंचायतों से भी समन्वय स्थापित कर कच्चा माल के रूप में विभिन्न प्रकार के प्लास्टिकों को प्राप्त किया गया। साथ ही स्थानीय स्तर पर कवाड़ी वाले तथा इससे जुड़े हुए अन्य व्यवसायी से भी प्लास्टिक प्राप्त करने हेतु समन्वय स्थापित किया गया। सर्वप्रथम जिले के बसंतपुर प्रखंड में पीडब्लूएमयू की स्थापना करते हुए प्रखंड स्तर पर जिला पदाधिकारी कौशल कुमार के द्वारा शुभारम्भ किया गया। पुनः अन्य पीडब्लूएमयू का शुभारंभ अनुमंडल पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा किया गया। वर्तमान में 05 प्रखंडों में पीडब्लूएमयू की स्थापना किया जा चुका है। जहां ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों से विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक को प्राप्त करते हुए प्लास्टिक को प्रसंस्कृत कर राजस्व प्राप्त किया जा रहा है।


 बसंतपुर प्रखंड में अब तक कुल 12 हजार 870 किलो प्लास्टिक संग्रहण करते हुए प्रसंस्कृत कर कुल 09 हजार 340 किलो बेचा गया। जिससे कुल 68 हजार 178 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं छातापुर में अब तक कुल 08 हजार 910 किलो प्लास्टिक का संग्रहण करते हुए 4004 किलो बेचा गया। जिससे कुल 25 हजार 838 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि किशनपुर में 2461 किलो प्लास्टिक का संग्रहण करते हुए 1547 किलो बेचा गया। जिससे कुल 14 हजार 139 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं मरौना में 1096 किलो प्लास्टिक का संग्रहण किया गया। जिसमें 786 किलो बेचा गया। जिससे कुल 7336 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि निर्मली में अब तक 481 किलो प्लास्टिक का संग्रहण किया गया। जिसे बेचा गया और 5122 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।


 वहीं प्रखंड पिपरा में अब तक कुल 7242 किलो प्लास्टिक संग्रहित किये गये। जिसमें 2998 किलो बेचा गया। जिससे कुल 25085 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि प्रतापगंज में अब तक कुल 1536 किलो प्लास्टिक संग्रहित किये गये। जिसमें 381 किलो बेचा गया। जिससे कुल 4572 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। राघोपुर प्रखंड में 1176 किलो प्लास्टिक संग्रहित किया गया। जिसमें 1091 किलो बेचा गया। जिससे कुल 10910 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं सरायगढ़ में 855 किलो प्लास्टिक संग्रहित किया गया। जिसमें 417 किलो बेचा गया। जिससे कुल 5800 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। सदर प्रखंड में 8294 किलो प्लास्टिक संग्रहित किया गया। जिसमें 4501 किलो बेचा गया। जिससे कुल 27006 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि त्रिवेणीगंज में 3065 किलो प्लास्टिक संग्रहित किया गया। जिसमें 1865 किलो बेचा गया। जिससे कुल 13172 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।


 सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार डॉ एन सरवन कुमार के द्वारा पीडब्लूएमयू किशनपुर का निरीक्षण किया गया। वहीं टीम द्वारा किये गये कार्यों को सराहा गया। निरीक्षण के दौरान सेल्फ सेस्टेनेबल हेतु मार्ग दर्शन दिया गया। वर्त्तमान में जिले के सभी पांचों पीडब्लूएमयू से कुल 47 हजार 986 किलो प्लास्टिक को संग्रहण कर 27 हजार 411 किलो प्लास्टिक को बेचकर 02 लाख 07 हजार 158 रूपये प्राप्त किया गया है। परिणाम स्वरूप प्लास्टिक अपशिष्ट का वैल्यू एडिशन मिल पाया। पीडब्लूएमयू की स्थापना से पूर्व कवाड़ी वाले को प्लास्टिक ग्राम पंचायतों के द्वारा बेच दिया जाता था। जिसका उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो पाता था तथा उनके द्वारा पॉलीथीन, मिक्स प्लास्टिक इत्यादि की खरीद नहीं की जाती थी। जिससे प्लास्टिक अपशिष्ट का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। पीडब्लूएमयू की स्थापना से ग्राम पंचायतों को सभी प्रकार के प्लास्टिकों की खरीददारी की जा रही है। जिसका उचित मूल्य दिया जा रहा है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई को सेल्फ सेस्टेनेबल हेतु अधिक से अधिक प्लास्टिकों को संग्रहण करते हुए प्रसंस्कृत कर राजस्व प्राप्त किया जा रहा है। मौके पर डीएम कौशल कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। पीडब्लूएमयू बसंतपुर के द्वारा अत्याधिक प्लास्टिक प्रसंस्करण कर अत्याधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी बसंतपुर को जिला पदाधिकारी के द्वारा पुरस्कृत किया गया।



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