सुपौल। राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के हरिराहा में चल रहे रूद्र चंडी महायज्ञ में वेद मंत्रोच्चारण एवं हवन से क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। मुख्य यजमान सहित लोग रुद्राभिषेक, हवन आदि कई कार्यक्रमों में शामिल होते है। वही वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक सुजीत जी महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का वाचन किया जाता है। जिसमें कई तरह की झांकियां दिखाई जाती है जो लोगों को काफी उत्साहित करता है। इसी क्रम में कथा के आठवें दिन श्रीमद् भागवत कथा कह रहे वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक सुजीतजी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण गोपी के साथ रासलीला किया, लेकिन कलयुग के जीव रास का मतलब जानते हैं नृत्य करना। लेकिन वास्तव में रास का मतलब यह है कि ईश्वर और जीव का मिलन। भगवान जिस प्रकार गोपियों के साथ रास किये वह गोपी किसी की पत्नी किसी की बेटी किसी की बहू नहीं थी बल्कि वह सभी त्रेतायुग के संत थे। सबों ने भगवान की सेवा के लिए द्वापर युग में गोपी के रूप धारण किया। इतना ही नहीं भगवान शंकर ने भी गोपी का रूप धारण कर भगवान की सेवा की। रास का तात्पर्य एक यह भी है काम कामवासना पर विजय प्राप्त करना। भगवान श्री कृष्ण रास करके कामदेव पर विजय प्राप्त किया। इसलिए हम सभी मानवों को भगवान श्री कृष्ण से यह सीख लेनी चाहिए कि कभी भी किसी बहन और मां पर गलत दृष्टि नहीं डालें। सुंदरता कुछ ही पल के लिए होती है। वास्तविक में असली सुंदरता हमारा विचार और हमारा व्यवहार ही होता है। भगवान कृष्ण ने गीता में जो उपदेश दिया है उन उपदेशों का हमें पालन करना चाहिए। वही दूसरी ओर यज्ञ में दूर-दराज से आए कई तरह के झूले एवं मनमोहक सामग्री की दुकानें यज्ञ में घूमने आए लोगो को अपने ओर आकर्षित कर रहा है। लोग काफी उत्साहित एवं आनंदित है। यज्ञ के सफल संचालन में हरिराहा पंचायत की मुखिया खुशबू कुमारी, आयोजन समिति के संयोजक विकास कुमार टुनटुन, अध्यक्ष दिलीप यादव, महंत उमाकांत दास, हरि दास,मनोज यादव,उदय यादव,मंगेश सिंह सहित समस्त ग्रामीण जुड़े हुए है।
राघोपुर : रूद्र चंडी महायज्ञ में वेद, मंत्रोच्चारण एवं हवन से क्षेत्र का माहौल भक्तिमय
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)

कोई टिप्पणी नहीं