- महात्मा डॉ सेमुअल
हैनिमैन साहब की जीवनी पर विस्तार से डाला गया प्रकाश - होमियोपैथिक चिकित्सा का
अविष्कार भारतीय लोगों केलिये अमृत समान चिकित्सा - आज के परिवेश में होमियोपैथिक बनता जा रहा वन चिकित्सा पद्धति
सुपौल। होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया सुपौल यूनिट के तत्वावधान में बुधवार को विश्व होमियोपैथिक चिकित्सा के जनक महात्मा सेमुअल हैनिमैन साहब की 269वीं जयंती स्टेशन रोड वार्ड नंबर 10 स्थित मुनि आश्रम सह यूनिट कार्यालय में मनायी गयी। यूनिट अध्यक्ष डॉ योगेंद्र प्रसाद जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर एवं डॉ सेमुअल हैनिमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। समारोह का संचालन सचिव डॉ आरपी शाह ने किया। समारोह में अध्यक्ष व सचिव ने महात्मा डॉ सेमुअल हैनिमैन साहब की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला।
बताया कि महात्मा डॉ हैनिमैन होमियोपैथिक चिकित्सा का अविष्कार कर भारतीय लोगों के लिये अमृत समान चिकित्सा दिया, जो सरल, सस्ता और सुलभ है। आज के परिवेश में केंद्र और राज्य सरकार होमियोपैथी चिकित्सा और आयुषपैथी पर ध्यान दिया है। जिसके फलस्वरूप भारी मात्रा में बिहार सरकार बीपीएससी और केंद्र सरकार यूपीएससी के माध्यम से प्रत्येक चिकित्सालय सरकारी में बहाली किया है। आज के परिवेश में होमियोपैथिक नंबर 01 चिकित्सा पद्धति बनने जा रहा है। प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में देशी चिकित्सा के चिकित्सक योगदान दिये हैं। ग्रामीण क्षेत्र के सभी हॉस्पीटलों में ग्रामीण स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
बताया कि होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति से मानसिक स्वास्थ्य से लेकर शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करती है। होमियोपैथिक चिकित्सा पशुओं के लिये भी रोगों रोगों में लाभप्रद है। इस मौके पर उपाध्यक्ष डॉ जय प्रकाश गुप्ता, सचिव आरपी शाह, प्रशासनिक सचिव डॉ फूलधर प्रसाद यादव, कोषाध्यक्ष डॉ गुरुदेव गुप्ता, डॉ मनोरमा देवी, डॉ प्रवेश कुमार प्रभाकर, डॉ एसएन साह, डॉ प्रदीप शर्मा, डॉ आरके यादव, डॉ अब्दुल खालीद, डॉ चंद्रनारायण प्रसाद यादव, डॉ हरिहर नारायण यादव, मो मुस्तकीम अंसारी, डॉ सुभाष कुमार, डॉ अनिल कुमार यादव, डॉ प्रियंका भारती, डॉ मनीषा भारती, डॉ सुमन कुमार, डॉ आशीष रंजन, सदर अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ भावना कुमारी, डॉ विनोद कुमार, डॉ शिखा रानी आदि मौजूद थे।

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