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तटबंध के भीतर बसे लोगों के लिये विपदा के समय भी अवसर लेकर आती है कोशी नदी




सुपौल। कोशी नदी हर साल जहां विपदा लेकर आती है, वहीं नदी के किनारे बसे लोगों के लिए यह विपदा कुछ अवसर भी लेकर आ रही है। कोशी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ मरौना प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सिसौनी एवं घोघररिया पंचायत के लोगों के लिए व्यापक पैमाने में बह कर आई लकड़ी एक अवसर साबित हो रही है। कोशी के किनारे बसे लोग लकड़ी पकड़ने के लिए नदी किनारे अपने परिवार के संग रातों रात तक डेरा डाल कर भारी मात्रा में लकड़ी निकलते हैं। इनके लिए नदी से बह कर आया लकड़ी रोजगार के एक साधन भी बन रहा है। जिसेसे ये लोग अच्छी क़ीमतों में नजदीक के बाजार में बिक्री करके अच्छे मुनाफा भी कमा रहे हैं। नदी से लकड़ी निकाल रहे लोगों की मानें तो वे लोग प्रति व्यक्ति दो से तीन क्विंटल लकड़ी पकड़ रहे हैं। इन लकड़ी का उपयोग जलावन सहित अन्य कार्यों मे किया जाता है। वहीं लकड़ी निकाल रहे मो तौयब, मो जाकिर, अर्जुन मंडल, राहुल कुमार आदि ने कहा क‍ि इस बार कोशी नदी के पानी में पहली बार लकड़ी बह कर आ रहा है। मालूम हो कि कोशी नदी के जलस्तर में वृद्धि का महीना की शुरुआत होते ही तटबंध के भीतर बसे लोगों के माथे पर चिंता की लकीर साफ तौर से उभर आती है।

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