पिपरा। सुपौल-गलगलिया नयी रेल परियोजना के तहत सरकार जहां जनवरी 2025 तक सुपौल से पिपरा रेल परिचालन की बात कर रही है। वहीं विभिन्न तरह की दुविधाएं परियोजना के संचालित होने में बाधा उत्पन्न कर रही है। कभी किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलने के कारण विरोध किया जा रहा है तो कहीं बरसात की पानी निकासी नहीं होने के बात को लेकर पुल निर्माण की बात कही जा रही है। पिपरा प्रखंड क्षेत्र के थुमहा में शनिवार को ग्रामीणों ने पानी निकासी के लिये पुल निर्माण की मांग को लेकर नई रेल परियोजना स्थल पर पहुंच कर विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध जता रहे ग्रामीणों का कहना था कि परियोजना द्वारा मिट्टी भराई करने के कारण बीते वर्ष करीब पांच सौ एकड़ जमीन में धान की फसल नहीं हो पाई थी। संवेदक से बात कर नाला बना कर पानी निकासी किया गया और अधिकारी द्वारा पुल बनवाने का अश्वासन दिया गया था। लेकिन इस वर्ष भी पुल का निर्माण नहीं किया गया। जिसके बाद जल जमाव की चिंता सताने लगी है। ग्रामीण दिनेश प्रसाद चौधरी, उमेश प्रसाद चौधरी, वासुदेव मंडल, रामप्रसाद मंडल, संजय मंडल, शंकर मंडल, दिलीप मंडल, सोनू चौधरी आदि ने बताया कि पिछले साल परियोजना को लेकर करीब पांच सौ एकड़ जमीन में लगी धान की फसल बर्बाद हो गयी थी। फिर भी पुल निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं किया गया। बताया कि इस बार भी सभी ग्रामीण जिला पदाधिकारी से पुल बनवाने की गुहार लगायी है। कहा कि अगर पुल की निर्माण नहीं किया गया तो आगे और जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा।
पिपरा : नई रेल परियोजना में पुल निर्माण नहीं होने से किसानों को सता रही फसल डूबने की चिंता, समस्या को लेकर किया प्रदर्शन
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