सुपौल। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान की तैयारी के तहत 22 नवंबर से नाइट ब्लड सर्वे की प्रक्रिया शुरू होगी। इस दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आमजन के रक्त के नमूने लेकर माइक्रोफाइलेरिया परजीवी की मौजूदगी की जांच की जाएगी।
इस अभियान की शुरुआत से पहले, 18 और 19 नवंबर को सदर अस्पताल के रूम नंबर 213 में लैब टेक्निशियन, नर्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और वैक्टर जनित रोग सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण सत्र में जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीपनारायण राम, वीडीसीओ डॉ. मनु कुमारी, विजय कुमार और पिंकी कुमारी उपस्थित थे।
डॉ. मनु कुमारी ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे से पहले गांवों में सोशल मोबिलाइजेशन जरूरी है। स्वास्थ्यकर्मी, खासकर आशा कार्यकर्ता, लोगों को यह समझाएं कि फाइलेरिया परजीवी का पता केवल नाइट ब्लड सर्वे से ही चलता है। इसके बाद ही सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू किया जाएगा, जिससे लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा दी जाएगी।
नाइट ब्लड सर्वे के लिए जिले के आठ प्रखंडों - सदर, किशनपुर, सरायगढ़, निर्मली, राघोपुर, त्रिवेणीगंज, पिपरा और प्रतापगंज - में दो-दो सेशन साइट का चयन किया गया है, जहां से कुल 2400 रक्त के नमूने लिए जाएंगे। हर साइट से 300 नमूने इकट्ठा किए जाएंगे। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि रक्त संग्रह के लिए साफ स्लाइड का होना अनिवार्य है, ताकि जांच में कोई गलती न हो।
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