सुपौल। जिला मुख्यालय स्थित प्रखंड कृषि कार्यालय के ई किसान भवन में गुरुवार को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अश्वनी कुमार और प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्र प्रकाश मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर सैंकड़ों किसान और विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अश्वनी कुमार ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व के बारे में जानकारी दी और उर्वरक के सही तरीके से उपयोग पर जोर दिया। प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्र प्रकाश मिश्रा ने कृषि में रसायनों के बढ़ते उपयोग और मिट्टी की घटती उर्वरता के गंभीर परिणामों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि रसायनों के अत्यधिक उपयोग से पर्यावरण और जल स्रोतों का प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे खाद्य पदार्थों में रसायन अवशेष मानव स्वास्थ्य के लिए खतरे की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस समस्या का समाधान जैविक खेती से ही संभव है और बिहार सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है, जैसे जैविक कॉरिडोर योजना, जैविक प्रोत्साहन योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, और नमामि गंगे योजना। उन्होंने कहा कि जीरो बजट आधारित खेती पर जोर दिया जा रहा है, और मिट्टी की उर्वरा शक्ति को संतुलित करने के लिए जैविक खेती अनिवार्य हो गई है।
जैविक खेती के लाभों पर चर्चा करते हुए मिश्रा ने बताया कि जैविक खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग नहीं होता। इसमें कार्बनिक खाद, वर्मी कंपोस्ट, और फसल चक्र जैसी विधियों का उपयोग किया जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है, जल प्रदूषण कम होता है, और फसलों की उत्पादन लागत भी घटती है।
इस अवसर पर प्रखंड तकनीकी प्रबंधक विवेक जायसवाल, बैजू कुमार, अंबुज रंजन, अशोक निराला, दीपक कुमार, दीक्षा कुमारी, रेणु कुमारी, प्रियेश कुमार, मुकेश कुमार, आशिफ इकबाल, नदीम इकबाल, भवेश भारती, हिमांशु कुमार, गिरीश कुमार, कृष्ण कुमार, पशुपति पाण्डेय, सचिन कुमार सिंह सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
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