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निर्मली : 65 महिलाओं को मिला चटाई बुनाई का प्रशिक्षण, आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ाया गया कदम



सुपौल। निर्मली अनुमंडल क्षेत्र के दिघीया लगुनिया गांव में 65 महिलाओं को चटाई बुनाई का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन डब्लूएचएचईयू (WHHEU) के सहयोग से किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को चटाई बुनाई की आधुनिक और पारंपरिक तकनीकों से अवगत कराया गया, ताकि वे अपने घर पर ही यह कार्य कर आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें।

कार्यक्रम के प्रोजेक्ट मैनेजर मोहम्मद अताउल्लाह ने बताया कि यह प्रशिक्षण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि गांव की गरीब और असहाय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे घर बैठे काम करके अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें।

संगठन के कर्मी रविंद्र कामत ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं चटाई बुनकर न केवल अपनी आजीविका चला सकेंगी, बल्कि यह एक स्थायी रोजगार का साधन भी बन सकता है। उन्होंने कहा कि "इस तरह के प्रशिक्षण से महिलाओं को न केवल हुनर मिलेगा, बल्कि वे अपने परिवार का आर्थिक सहयोग भी कर पाएंगी।"

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भवेश मनी, मधुसूदन सरदार, पूर्णि देवी, छेदनी देवी, सोमपाल देवी, पूनम देवी समेत 65 महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं ने इस प्रशिक्षण को लेकर खुशी जाहिर की और इसे अपनी आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।

प्रशिक्षण प्राप्त कर रही एक महिला ने बताया कि पहले वे आर्थिक रूप से पूरी तरह अपने परिवार पर निर्भर थीं, लेकिन अब चटाई बुनाई सीखने के बाद वे अपने घर से ही आय अर्जित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह कला सीखकर बहुत अच्छा लग रहा है। इससे हमें न केवल आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है, बल्कि हम अपने बच्चों और परिवार की जरूरतें भी पूरी कर सकेंगे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने में सहायक होगा। स्थानीय प्रशासन और संगठन इस तरह के कार्यक्रमों को आगे भी जारी रखने की योजना बना रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इससे जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें।

इस पहल से न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षकों ने महिलाओं को इस कार्य को नियमित रूप से करने और इससे जुड़ी अन्य संभावनाओं को तलाशने के लिए प्रेरित किया।

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