सुपौल। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सिमराही राघोपुर के तत्वाधान में ओम शांति ब्रह्माकुमारीज पाठशाला, प्रतापगंज बाजार में 89वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शिव झंडातोलन एवं प्रवचन से हुआ, जिसका नेतृत्व समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों और ब्रह्माकुमारीज संस्थान की वरिष्ठ बहनों ने किया।
इस अवसर पर पूर्व प्रमुख रमेश प्रसाद यादव, सीमांचल और राजविराज नेपाल क्षेत्र की प्रभारी राजयोगिनी भगवती दीदी, सिमराही राघोपुर की प्रभारी बबीता दीदी, ब्रह्माकुमारी निर्मला दीदी, वीणा बहन, शांति देवी, रेणु देवी, बबीता देवी, कंचन देवी, अनीता देवी, रीता देवी समेत अन्य गणमान्य लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
अपने प्रवचन में राजयोगिनी भगवती दीदी ने कहा कि ज्ञान की कमी के कारण आज समाज में क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और नफरत जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियाँ बढ़ रही हैं, जिससे अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने सत्संग और आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सत्संग से प्राप्त शक्ति और सद्गुण ही हमारी वास्तविक संपत्ति हैं, जो हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
ब्रह्माकुमारी बबीता दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि श्रेष्ठ संस्कारों के आधार पर ही एक अच्छे समाज का निर्माण संभव है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा चरित्र निर्माण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि समाज में फैली विकृतियों को दूर करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन ब्रह्माकुमारी बहनें इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्रमुख रमेश प्रसाद यादव ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ही आज व्यक्ति निर्माण का वास्तविक स्थान है। उन्होंने कहा कि आज हर कोई अधिकार चाहता है, लेकिन कर्तव्य निभाने की भावना कमजोर पड़ रही है। ब्रह्माकुमारीज की शिक्षाएँ मनुष्य को कर्तव्यनिष्ठ और चरित्रवान बनाती हैं, और यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव भी है। उन्होंने नर और नारी सभी को ब्रह्माकुमारीज की शिक्षाओं से लाभ उठाने की अपील की।
विजय जी ने अपने संबोधन में सनातन धर्म की सहिष्णुता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर धर्म के लोग धार्मिक स्वतंत्रता के साथ जीवन यापन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय ज्ञान भी इसी सहिष्णुता और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाई ने किया। इस अवसर पर बबीता देवी, अनीता देवी, कंचन देवी, गीत देवी, शांति देवी, रेणु देवी, शारदा देवी, हेमा देवी, उषा देवी, अर्जुन कुमार समेत कई श्रद्धालु उपस्थित रहे। समारोह के अंत में सभी भक्तों को प्रसाद के रूप में ब्रह्मा भोजन वितरित किया गया। यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की।
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