सुपौल। किशनपुर प्रखंड के परसा माधो पंचायत में मंगलवार को लोन माफी आंदोलन के तहत संकल्प सभा व संकल्प यात्रा का आयोजन किया गया। इस सभा में दर्जनों कर्ज से दबे परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया और ऋण माफी की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की।
संकल्प सभा को संबोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि लोन माफी आंदोलन बिहारवासियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सरकार अमीर उद्योगपतियों के अरबों रुपये के कर्ज माफ कर सकती है, तो गरीब, किसान, मजदूर, महिला और बेरोजगार युवाओं के ऋण क्यों नहीं माफ किए जा सकते? उन्होंने कहा कि कर्ज से मुक्ति गरीबों का अधिकार है और ऋण माफी वर्तमान समाज की जरूरत है।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने 22 बड़े उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए, जबकि गरीबों को कर्ज से मुक्ति नहीं मिल रही। सरकार पर गरीबों के प्रति सौतेले व्यवहार और उद्योगपतियों से दोस्ती का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह अन्याय जल्द खत्म होना चाहिए।
डॉ. कुमार ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां गरीबों के खून-पसीने की कमाई पर डाका डाल रही हैं और 12 से 42 प्रतिशत तक का ऊंचा ब्याज वसूल रही हैं। उन्होंने बताया कि रिकवरी स्टाफ गरीब महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं, जिससे कई परिवार आर्थिक तंगी और मानसिक प्रताड़ना झेलने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि ऋण के दबाव के कारण कई परिवार आत्महत्या के कगार पर पहुंच चुके हैं, वहीं कुछ परिवार घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं। सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
डॉ. कुमार ने बताया कि RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार कोई भी बैंक या फाइनेंस कंपनी का रिकवरी स्टाफ ग्राहकों से दुर्व्यवहार नहीं कर सकता और न ही उन्हें किसी के सामने शर्मिंदा कर सकता है। कोई भी बैंक या फाइनेंस कंपनी सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही फोन कर सकती है या घर आ सकती है, लेकिन इसके बावजूद गरीब महिलाओं को आधी रात 12 बजे तक फोन कर गाली-गलौज और धमकी दी जाती है, जो कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है।
इस संकल्प सभा में शामिल संतोष सादा, प्रदीप शर्मा, मुकेश कुमार यादव, छोटू शर्मा, असगर अली, पूजा देवी, संजय सादा, निखिल कुमार, शंभू यादव, विक्रम मंडल, रामोतार सादा, संगीता देवी, सपना देवी, मनोरमा देवी, चंचल देवी, सोनी देवी समेत कई लोगों ने कर्ज मुक्ति आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प लिया।
सभा में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि सरकार गरीबों के कर्ज माफ नहीं करती है, तो इसके खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा और सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।
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