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पिपरा : दलित-महादलित विकास शिविर में विभागीय कर्मियों की भारी अनुपस्थिति, लोगों में गहरा असंतोष


सुपौल। पिपरा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों कटैया माहे, दीनापट्टी, तुलापट्टी, निर्मली, रामपुर, अमहा और रतौली  में शनिवार को डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत बिहार महादलित विकास मिशन व अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग द्वारा विशेष विकास शिविर का आयोजन किया गया।

इस शिविर का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों को सरकार की 22 कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना और उन्हें त्वरित लाभ पहुंचाना था। शिविर में राशन कार्ड, विद्यालय में दाखिला, आंगनबाड़ी, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, कुशल युवा कार्यक्रम, मुख्यमंत्री निश्चय योजना, ई-श्रम कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, पीएम आवास योजना, नल-जल और नली-गली योजना समेत अनेक योजनाओं के लिए आवेदन लिए जाने थे।

हालांकि अधिकांश शिविरों में दर्जनों विभागीय कर्मियों की अनुपस्थिति ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कर्मियों की गैरमौजूदगी के कारण वे बिना किसी लाभ के वापस लौटने को मजबूर हो गए।

कटैया माहे पंचायत के लोगों ने उपस्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का मुद्दा भी उठाया। करोड़ों की लागत से बने इस केंद्र में आज तक एएनएम व डॉक्टरों की तैनाती नहीं हुई, जिससे गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए दूरदराज जाना पड़ता है। 

बीडीओ मोहम्मद सदरुल हसन ने बताया कि शिविरों का उद्देश्य दलित-महादलित समुदायों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि अनुपस्थित कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार, शिविर के आयोजन की जिम्मेदारी पंचायत सचिव और विकास मित्र को दी गई थी, जबकि बीसी स्वच्छता विभाग के मिथिलेश कुमार को नोडल पदाधिकारी बनाया गया था। सरकार के निर्देश पर प्रत्येक योजना के लिए अलग स्टाल लगाने थे, लेकिन अधिकांश पंचायतों में सिर्फ 5 से 7 स्टाल ही लगाए गए।

लोगों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे शिविरों की गंभीर निगरानी हो और दोषी कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए।


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